इस्लामाबाद: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली माली मदद को अस्थायी तौर पर रद्द करने का ऐलान किया है. इस फैसले की वजह से जहाँ अमेरिका फंडिंग से पाकिस्तान में चल रही कई विकास परियोजनाओं पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं, वहीँ US के इस फैसले से पकिस्तान सरकार सकते में आ गयी है. 


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जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने सभी कारोबारी सिफरातखाना और दूतावासों को विदेशी मदद प्रोग्राम को फ़ौरन बंद करने का हुक्म दिया है. इस फैसले से यूक्रेन, ताइवान, जॉर्डन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों को दी जाने वाली प्रमुख अमेरिकी मदद झटके में बंद हो जायेगी. पाकिस्तान में अमेरिकी मदद से चल रहे कई विकास कार्यक्रमों में, सांस्कृतिक संरक्षण, राजदूत फंड और पाकिस्तान के ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित कम से कम पांच दीगर प्रोजेक्ट सहित कई दूसरी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को फ़ौरन रोक दिया गया है. इससे पकिस्तान के विकास प्रोग्रामों को धक्का पहुंचा है. ट्रम्प के इस नये फैसले का असर पकिस्तान के साथ- साथ जॉर्डन और अफगानिस्तान जैसे मुल्कों पर भी पड़ेगा. वहां भी कई प्रोजेक्ट्स बंद हो जायेंगे. इससे प्रोजेक्ट में लगे हजारों लोगों के बेरोजगार होने का भी खतरा पैदा हो गया है. 


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पाकिस्तान के 9 प्रोजेक्ट पर लग जाएगा ताला 


ट्रम्प के इस आदेश के बाद, पाकिस्तान सरकार के एक अफसर ने कहा, " पाकिस्तान में चल रहे प्रोजेक्ट के एवैल्यूएशन होने तक तक मुल्क के सभी सहायता कार्यक्रम रोक  दिए गए हैं. चल रहे मौजूदा प्रोजेक्ट्स के पुनर्मूल्यांकन 90 दिन बाद किया जाएगा." वरिष्ठ रणनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहा, "यह पाकिस्तान के इकॉनमी की तरक्की की राह में एक बड़ी रुकावट है. अमेरिका की तरफ से मदद रोकने से कम से कम चार आर्थिक विकास संबंधी परियोजनाओं और पांच कृषि विकास परियोजनाओं पर भी सीधा असर पड़ेगा.  यह पकिस्तान सरकार के लिए एक बड़ा झटका है.


पाकिस्तान पर कड़ी नज़र रख रहे हैं ट्रम्प 
सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) के कार्यकारी निदेशक इम्तियाज गुल ने कहा, "अमेरिकी अफसरों का कहना है कि इमदादी प्रोग्राम को रद्द करने का फैसला अभी आरजी तौर पर है, और इसका फिर से मूल्यांकन और जांच की जाएगी, लेकिन ट्रंप प्रशासन के सदस्य पाकिस्तान के मौजूदा नेतृत्व के लिए बहुत आलोचनात्मक नजरिया रखते हैं. इससे पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता का पुनर्मूल्यांकन मुतासिर होगा."



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