Presidential Elections in Iran: ईरान में आज यानी 28 जून को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान होना हैं. स्थानीय समयानुसार सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे. वहीं, न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्शन से ठीक पहले राष्ट्रपति पद की रेस से 2 कैंडिडेट्स ने अपना नाम वापस ले लिया है. इसमें तेहरान के मेयर अली रज़ा ज़कानी और आमिर हुसैन काजीजादेह हाशमी का नाम शामिल है. अब राष्ट्रपति पद की रेस में सिर्फ 4 कैंडिडेट हैं. इसमें मोहम्मद बाक़र क़ालीबाफ़, मुस्तफ़ा पोरमोहम्मदी सईद जलीली, और मसूद पेज़ेशकियान हैं. 


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क्यों हो रहा है इलेक्शन
दरअसल, पिछले महीने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की एक प्लेन हादसे में मौत हो गई थी. जिसके बाद यह चुनाव होना था. क्योंकि ईरानी संविधान के मुताबिक, किसी हादसे या किसी वजह से राष्ट्रपति की मौत हो जाने के बाद 50 दिनों के भीतर ही राष्ट्रपति इलेक्शन होना अनिवार्य है. रईसी ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के करीबी थे. वह खामनेई के विचार धारा से प्रभावित थे. इस इलेक्शन में इब्राहिम रईसी के उत्तारिधिकारी का चयन किया जाना है. 


इलेक्शन में खामनेई का अहम रोल
ईरान के सुप्रीम लीडर ही सबसे ताकतवर नेता होता है. उसे ही सर्वेसर्वा माना जाता है. मुल्क में होने वाली इलेक्शन की प्रक्रिया की निगरानी गार्डियन काउंसिल करती है. जिसकी कमान सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के पास है. उन्हीं के सिग्नेचर के बाद ही इलेक्शन में जो भी कैंडिडेट चुनाव जीतने में सफल होता है, उसे राष्ट्रपति घोषित किया जाता है. 


2025 में था इलेक्शन प्रस्तावित
ईरान में हर 4 साल में एक बार राष्ट्रपति इलेक्शन होता है. मुल्क में पिछला इलेक्शन साल 2021 में हुआ था. ईरानी संविधान के मुताबिक, देश में अगल इलेक्शन साल 2025 के लिए प्रस्तावित था, लेकिन इब्राहिम रईसी की मौत के बाद साल 2024 में हो रहा है. ईरान में होने वाली राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया फ्रांस की तरह है. वहीं, ईरान की पार्लियामेंट में कुल 290 सांसद होते हैं, जिसके लिए चुनाव होते हैं. हालांकि, ईरान की पार्लियामेंट पर गार्जियन काउंसिल का ही कंट्रोल होता है. वहीं, भारत की तरह 18 से ज्यादा उम्र के लोग मतदान कर सकते हैं.