Afghan Refugees: पाकिस्तान की सरकार ने एक आदेश जारी कर बिना कागज़ात वाले अफगानियों को वापस अफगानिस्तान जाने कहा था. पाकिस्तान में रह रहे लगभग 17 लाख गैर कानूनी अफगान नागरिक अपने देश वापस लोट रहे हैं. अफगानिस्तान में तालिबान और कई संस्थान उनके रुकने और रहने के इंतजाम में लगी हुई है. लेकिन 20 साल लंबी जंग से उभरने के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की मार झेल रहे अफगानिस्तान के पास इतनी बड़ी तदाद में लोगों को रुकाने के लिए मूलभूत ढ़ाचा नहीं है. पाकिस्तान से आए लोगों के लिए खाने का इंतज़ाम करने वाली UN का एजंसी वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने अपने पास फंड की भारी कमी होने का बात कही है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को 27 मिल्लियन की जरुरत 
रिफ्यूजियों के लिए खाने का इंतजाम करने वाले संगठन वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने चेतावनी दी है कि उसके पास फंड की भारी कमी है और वह इतनी बड़ी तदाद में पाकिस्तान से आ रहे लोगों को खाना नहीं दे सकता है. अफगानिस्तान में WFP के अधिकारी ह्सियाओ-वेई ली ने एक बयान में कहा कि WFP को अपने इमरजेंसी फूड असिस्टेंट से 10 मिलियन लोगों के खाने की कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा और अब वह आने वाले 5 लोगों में से एक की ही मदद कर सकते हैं.



ठंड ने बिगाड़े हालात 
WFP का कहना है पाकिस्तान से आने वाले रिफ्यूजी ज्यादातर भूखे, हताश और थके हुए हैं. उनको जल्द से जल्द मदद की जरुरत है, बढ़ती ठंड ने और ज्यादा परेशानी खड़ी कर दी है. WFP आने वाले लोगों को फोर्टिफाइड बिस्किट और बुनियादी जरूरतों के समान को खरीदने के लिए नकद पैसे दे रहा है. WFP के मुताबिक उसने नवंबर तक 250,000 लोगों की मदद की है.  'द डॉन' में छपी खबर के मुताबिक WFP का कहना है कि, पाकिस्तान में 13 लाख बिना दस्तावेज वाले अफगान रहते हैं. जुलाई 2024 तक लगभग 7,20,000 लोगों के आने की उम्मीद है. इन लोगों की मदद करने के लिए हमें बड़े फंड की जरुरत है. 


पाकिस्तान क्यों अफगानियों को निकाल रहा है?
सितंबर में पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के हवाले से खबर छापी थी कि, इस साल देश में फिदायीन हमलों की तादाद बढ़ी है. इन हमलों की जांच में पाया गया कि ज्यादातर हमलों में अफगान नागरिक शामिल है. देश की सुरक्षा के चलते पाकिस्तान की सरकार बिना डॉक्यूमेंट वाले रिफ्यूजी को वापस अफगानिस्तान भेज रही है.