Yahya Sinwar की मौत से डरा नहीं, बल्कि जोश में है ईरान; सद्दाम हुसैन का जिक्र कर दिया बड़ा बयान
Iran on Yahya Sinwar Murder: इजराइल ने 17 अक्टूबर को हमास के नए याह्या सिनवार के साथ 3 लड़ाकों को मार गिराया है. हालांकि, हमास की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. इस बीच ईरान ने बड़ा बयान दिया है.
Iran on Yahya Sinwar Murder: इजरायली हमले में हमास के नए चीफ याह्या सिनवार की मौत हो गई है. जिसके बाद पश्चिम देशों जश्न का माहौल है. जबकि, कई मुस्लिम देशों में गमगीन माहौल है. हमास चीफ की हत्या के बाद अमेरिका और ईरान समेत कई देशों ने प्रतिक्रिया दी है. इस बीच ईरान ने बड़ा बयान दिया है. ईरान ने हमास के नए चीफ याह्या सिनवार की हत्या की निंदा है और कहा कि 'शहीद सिनवार' कयामत के दिन तक नौजवानों और बच्चों के लिए आदर्श बनें रहेंगे.
संयुक्त राष्ट्र में इस्लामी गणराज्य ईरान के स्थायी मिशन ने आज सुबह-सुबह पूर्व इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन की फांसी को भी याद किया. एक्स पर एक पोस्ट में ईरान मिशन ने कहा कि जब तक कब्ज़ा और आक्रामकता मौजूद है, तब तक प्रतिरोध जारी रहेगा, क्योंकि शहीद जिदा हैं और प्रेरणा का स्रोत हैं. यह टिप्पणी इजरायली रक्षा बल (IDF) द्वारा की गई घोषणा के बाद आई है कि हमास प्रमुख की हत्या कर दी गई है.
सद्दाम हुसैन का किया जिक्र
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने पोस्ट किया कि जब अमेरिकी सेना ने सद्दाम हुसैन को गिरफ़्तार किया तो उसने हथियारबंद होने के बावजूद अमेरिकी सैनिकों से उसे न मारने की विनती की. सद्दाम को अपना नेता और मसीहा मानने वाले लोग आखिरकार टूट गए, लेकिन जब मुसलमान शहीद सिनवार को युद्ध के मैदान में, युद्ध की पोशाक में और खुले में, किसी छिपने की जगह पर नहीं, दुश्मन का सामना करते हुए देखेंगे तो प्रतिरोध की भावना मज़बूत होगी. वह युवा पुरुषों और बच्चों के लिए एक आदर्श बन जाएगा, जो फिलिस्तीन की मुक्ति की दिशा में उनका मार्गदर्शन करेगा.
सद्दाम हुसैन के साथ क्या हुआ था
ईरानी मिशन ने अपने पोस्ट में सिनवार के वायरल वीडियो के इज़राइली सेना द्वारा साझा किए गए कच्चे फुटेज से एक स्क्रीनशॉट लगाया है. गौरतलब है कि साल 2003 में इराक में संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण ने सद्दाम हुसैन को गिरा दिया, जिन्हें अमेरिकी सैनिकों ने पकड़ लिया था. सद्दाम हुसैन पर मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए इराकी अदालत में मुकदमा चलाया गया और साल 2006 में उसे फांसी पर लटका दिया गया.