Who is Masoud Pezeshkian: हाल ही में हेलीकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई. इसके बाद ईरान में चुनाव हुए. चुनाव में रिफॉर्मिस्ट मसूद पेजेशकियान और कट्टरपंथी रईस जलीली के दरमियान कांटे का मुकाबले हुआ. इस मुकाबले में मसूद पेजेशकियान ने जीत दर्ज की है. मसूद पेजेशकियान को 16.3 मिलियन वोट मिले. इसके उलट जलीली को महज 13.5 मिलियन ही वोट मिले. 


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डॉक्टर हैं पेजेशकियान
मसूद पेजेशकियान पेशे से डॉक्टर हैं. वह हार्ट सर्जन हैं. वह लंबे वक्त से सांसद रहे हैं. उनकी जीत पर उनके समर्थक खुशी मना रहे हैं. मसूद पेजेशकियान ने सत्ता में बड़ा बदलाव किया है. वोट काउंटिंग के दौरान ही उनके समर्थक जश्न मनाने के लिए रोड़ पर उतर आए थे. मसूद पेजेशकियान ने चुनाव प्रचार के दौरान देश के शिया धर्मतंत्र में कोई भी बदलाव नहीं करने का वादा किया था. मसूद पेजेशकियान ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामनेई को देश के हर मामलों में आखिरी मध्यस्थ मानते हैं. 


परमाणु समझौते के पक्षधर
मसूद पेजेशकियन का झुकाव पूर्व राष्ट्रपति हसन रूहानी की तरफ है, जिनके शासन के तहत तेहरान ने विश्व शक्तियों के साथ 2015 का ऐतिहासिक परमाणु समझौता किया था. हालांकि, यह परमाणु समझौता रद्द हो गया था और कट्टरपंथी नेता दोबारा सत्ता पर काबिज हो गये थे. मसूद पेजेशकियन ने दोबारा परमाणु समझौता करने और पश्चिमी देशों से संबंध बेहतर करने के पक्षधर हैं. साल 2018 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने परमाणु समझौते को छोड़ दिया और ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए.


दिनिया करेगी स्वागत
जानकारों की मानें तो पेजेशकियन ऐसे शख्स हैं, जिनका विश्व शक्तियां स्वागत करेंगी. इसके अलावा उम्मीद है कि वे ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम के कारण उसके साथ चल रहे तनावपूर्ण गतिरोध को आसानी से खत्म करने की कोशिश करेंगे. यह माना जाता है कि पेजेशकियन एक ऐसे निर्वाचन क्षेत्र में जीतने में कामयाब रहे जहां मूल शहरी मध्यम वर्ग और युवा हैं. ये लोग सालों से दमन की वजह से निराश थे. इस्लामवादी रूढ़िवाद के खिलाफ इनकी किसी भी आवाज को दबा दिया गया.


महिलाओं पर नहीं होगा जुल्म
साल 2022 में, पेजेशकियन ने महसा अमिनी की मौत के बारे में अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा. महसा अमीनी को ठीक से हिजाब न पहनने के लिए हिरासत में लिया गया. इल्जाम है कि हिरासत में उन्हें जान से मार दिया गया. महसा की मौत के बाद पूरे देश में कई महीनों तक प्रदर्शन हुए थे. पेजेशकियन ने पहले दौर में अपना वोट डालने के बाद कहा, "हम हिजाब कानून का सम्मान करेंगे, लेकिन महिलाओं के प्रति कभी भी कोई दखलंदाजी या अमानवीय व्यवहार नहीं होना चाहिए."


दोबारा नहीं की शादी
पेजेशकियन साल 2001 से 05 तक खकमी के दौर में स्वास्थ्य मंत्री थे. साल 1994 में एक कार हादसे में पेजेशकियन ने अपनी बीवी और बच्चे को खो दिया. उन्होंने अपने बाकी बचे दो लड़कों और एक लड़की को अकेले पाला. उन्होंने दोबारा शादी नहीं की थी.