Iran attack on Israel: गाजा में चल रही जंग अब पूरे मिडिल ईस्ट में फैल चुकी है. इजराइल लेबनान, सीरिया से लेकर यमन तक पर हमला कर रहा है. पिछले दो महीनों में इजराइल ने एक के बाद एक अपने दुश्मनों के टॉप लीडर्स को मौत के घाट उतार दिया है. सबसे पहले हमास प्रमुख इस्माइल हनिया की संदिग्ध हमले में मौत हो गई, वहीं हिजबुल्लाह के प्रमुख को हवाई हमले में मार गिराया गया. अब खबर आ रही है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के भाई मेहर अल असद की मौत हो गई है.


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इजराइल ईरान को इस युद्ध में घसीटने की कर रहा है कोशिश?
इस हमले से ये साफ हो गया है कि इजराइल ईरान को इस युद्ध में घसीटने की कोशिश कर रहा है. ताकि ईरान पर सीधा हमला किया जा सके. क्योंकि हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर को मारने से पहले इजराइल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कहा है कि इराक, सीरिया और ईरान इस धरती के लिए अभिशाप हैं.


ईरान पर उठ रहे हैं सवाल
ऐसे में सवाल उठता है कि ईरान इजरायल पर कब हमला करेगा? इजरायल सीरिया, लेबनान, गाजा और यहां तक ​​कि यमन पर भी हमला क्यों कर रहा है? इसके पीछे इजरायल का मकसद क्या है? इजरायल के इन हमलों के बाद भी ईरान इजरायल पर हमला क्यों नहीं कर रहा है? आइए जानते हैं.


कहां हैं सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को कड़ी सुरक्षा के बीच देश के अंदर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. अमेरिका और इजराइल को उम्मीद थी कि अगर वो ईरान में हमास प्रमुख इस्माइल हनीया को मार देता है, तो ईरान सीधे इजराइल पर हमला कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 


यमन पर हमले का क्या मतलब है?
एक बार फिर इजराइल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला किया, जिसमें हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह मारा गया. इसके बाद भी ईरान की तरफ से इजराइल पर सीधे हमले की कोई धमकी नहीं दी गई है. जिसके बाद इजराइल ने यमन पर हमला कर दिया. इसके बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के भाई माहेर अल असद की भी सीरिया में हत्या कर दी गई. इसके बाद भी ईरान ने चुप्पी साध रखी है. ईरान अब तक इजरायल पर हमले क्यों नहीं किए? ऐसा क्यों है?


ईरान जल्द कर सकता है परमाणु परीक्षण
दरअसल, मीडिल इस्ट में भारी तनाव के बीच ईरान तेजी से परमाणु बम बनाने के बेहद करीब पहुंच चुका है. अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश लंबे समय से ईरान के परमाणु बम बनाने के खतरों के बारे में चेतावनी दे रहे हैं, लेकिन ईरान किसी भी देश की बात सुन नहीं रहा है. वह अपने परमाणु कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ा रहा है और बहुत जल्द ही ईरान परमाणु परीक्षण भी कर सकता है. 


अमेरिका ईरान से क्यों चाहता सीधा युद्ध
वहीं अमेरिका ने कसम खाई है कि वह ईरान को परमाणु सक्षम देश नहीं बनने देगा, लेकिन ईरान बहुत तेजी से अपने परमाणु कार्यक्रम का विस्तार कर रहा है. जिसके कारण अमेरिका ईरान के इस कदम से परेशान है और ईरान को रोकने के लिए इजरायल की मदद से ईरान के साथ सीधा युद्ध चाहता है. जिसके बाद अमेरिका और इजरायल ईरान पर हमला कर उसके परमाणु ठिकानों को नष्ट कर दें. 


इजरायल पर कब हमला करेगा ईरान
मिडिल ईस्ट और युद्ध विशेषज्ञ शम्स सिद्दीकी कहते हैं कि ईरान तब तक हमला नहीं करेगा जब तक वह अपने परमाणु बम का परीक्षण नहीं कर लेता. अगर इजरायल सीधे तौर पर ईरान के शीर्ष नेताओं को मार भी देता है तो भी ईरान सीधे तौर पर इजरायल पर हमला नहीं करेगा. दूसरी तरफ इजरायल और अमेरिका चाहते हैं कि ईरान इस युद्ध में शामिल होकर इजरायल पर सीधे हमला करे.


अमेरिका की  खत्म हो जाएगी दादागिरी
उन्होंने आगे कहा कि अगर ईरान परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया तो इजराइल मिडिल ईस्ट में मुश्किल में पड़ सकता है. क्योंकि ईरान इजराइल को धरती से मिटा देने की धमकी देता रहा है. अगर ईरान परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया तो अमेरिका की मिडिल इस्ट में दादागिरी नहीं चलेगी.अमेरिका को अपना सामान समेटकर वापस लौटना पड़ेगा. यही तो चीन और रूस चाहते हैं. यही वजह है कि अमेरिका इजरायल की मदद से ईरान को उकसा रहा है. क्योंकि दावा किया जा रहा है कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने कुछ हद तक पता लगा लिया है कि ईरान में परमाणु ठिकाने कहां हैं.