Israel Iran War: इन दिनों ईरान और इजरायल के दरमियान हालात बहुत खराब हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों के दरमियान जंग हो सकती है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर ईरान और इजरायल में संघर्ष होगा तो इजरायल का अमेरिका, फ्रांस और इंग्लैंड साथ देगा. इधर ईरान के साथ रूस, चीन और साउथ कोरिया हैं, ऐसे में सवाल है कि क्या पाकिस्तान ईरान का सपोर्ट करेगा. क्या वह ईरान को हथियार देगा. इस बारे में बता रहे हैं विदेश मामलों के जानकार रोबिंदर नाथ सचदेव.


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सवाल: यरुशलम पोस्ट ने स्रोतों के हवाले से दावा किया है कि ईरान का अगर इजरायल के साथ संघर्ष बढ़ता है, तो पाकिस्तान उसे मीडियम रेंज की शाहीन बैलिस्टिक मिसाइलों की आपूर्ति करेगा. इस पर रोबिंदर नाथ सचदेव ने जवाब दिया कि यह रिपोर्ट गलत है. 


जवाब: पाकिस्तान मिसाइल सप्लाई करने की हालत में नहीं है और न ही कर पाएगा. अगर पाकिस्तान ने सोचा भी है, तो ऐसा उसने सिर्फ अपनी चौधरीगिरी दिखाने के लिए कहा है. मेरे विचार से इस रिपोर्ट में तथ्य नहीं है.


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सवाल: ईरान ने हानिया की हत्या के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराते हुए बदला लेने की कसम खाई है. इजरायल के साथ अमेरिका खड़ा है. वहीं ईरान के साथ पाकिस्तान खड़ा होने का दावा कर रहा है. पाकिस्तान कह रहा है कि वो ईरान को सैन्य मदद पहुंचाएगा.


जवाब: पाकिस्तान क्या दावा करेगा. ईरान के साथ अगर आप कहें रूस खड़ा है, तब बात में दम आता है, लेकिन अगर पाकिस्तान ईरान के साथ खड़ा होने की बात कहता है, तो वो वैचारिक रूप से खड़ा हो सकता है, लेकिन पाकिस्तान ईरान के साथ किसी भी मटेरियल सपोर्ट के साथ खड़ा नहीं हो सकता है. पाकिस्तान के अपने अंदरूनी हालात बेहद खराब हैं. आर्थिक तौर पर वह इतना लाचार हो चुका है कि वो आईएमए की शर्तों को मानने को मजबूर है, उसके अपने मिलिट्री चैलेंज है. पाकिस्तान अपने खुद के हालात से ही पस्त है. पाकिस्तान ईरान की मदद करे, ऐसी संभावनाएं शून्य हैं. उधर, इजरायल के साथ अमेरिका और अन्य नाटो देश खड़े हैं. वहीं, ईरान की बात करें, तो रूस, चीन और साउथ कोरिया उसकी मदद कर सकते हैं.


सवाल: अगर पाकिस्तान ईरान की मदद करता है, तो ऐसे में इसका भारत पर क्या असर पड़ेगा.


उत्तर: पाकिस्तान अगर ईरान की मदद करता है, तो इसमें पाकिस्तान का खुद का नुकसान है. पाकिस्तान की मिलिट्री जो भारत के खिलाफ खड़ी है, वह ईरान के साथ चली जाएगी, तो हमें फायदा है. पाकिस्तान जाए ईरान के साथ, क्योंकि जितना पाकिस्तान ईरान के साथ जाएगा, उतना खुद ही अपना नुकसान करेगा. अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारेगा. अपना हथियार देगा, अपना पैसा देगा. वहां जीत तो किसी को हो नहीं रही है. उसकी अपनी मिलिट्री कमजोर होगी.