ईरान के हमले के बाद शुरू होगा तीसरा विश्व युद्ध? US ने सऊदी अरब समेत इन देशों से की ये अपील
America on Iran: हाल में ही इसराइल ने सीरिया में मौजूद ईरानी दूतावास पर हमला किया था. जिसके बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है. जिससे पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव भरा माहौल हो गया है.
America on Iran: इसराइल ने सीरिया में मौजूद ईरानी दूतावास पर हमला किया था. इस हमले में ईरान के दो सेना के अफसर समेत 13 लोग मारे गए थे. इस हमले के बाद ईरान की जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी, जिसके 24 घंटे के भीतर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सऊदी अरब, तुर्की और चीन से बात की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि युद्ध किसी के हित में नहीं है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता, मैथ्यू मिलर ने कहा, "वाशिंगटन ईरान के जरिए को दी गई धमकियों के बाद इलाके में तनाव बढ़ने के जोखिम को लेकर चिंतित है."
ब्रिटिने के विदेश सचिव डेविड कैमरन क्या कहा?
इसके साथ ही ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड कैमरन ने कहा, "मैंने ईरान विदेश मंत्री अमीर-अब्दुल्लाहियन को साफ कर दिया है कि ईरान को मिडिल ईस्ट को युद्ध में नहीं घसीटना चाहिए. ब्रिटिश विदेश मंत्री ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट में कहा, "मैं जंग की संभावना के बारे में चिंतित हूं. ईरान को इसके बजाय तनाव कम करने और आगे के हमलों को रोकने के लिए काम करना चाहिए."
ईरानी हमले की सख्ती से देगा जवाब
वहीं, एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कसम खाई है कि ईरान के किसी भी हमले का सख्ती से जवाब देंगे. इस बीच उन्होंने अमेरिका रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन से बातचीत की है और ईरानी हमले की संभावनाओं पर चर्चा की.
इसराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, इसराइल और अमेरिका के बीच सुरक्षा पर चर्चा की गई हैं. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की बातों को दोहराते हुए कहा कि अमेरिका ईरान के खिलाफ इसराइल के साथ खड़ा है. हर संभव मदद करेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर ईरान इसराइल पर हमला करता है, गाजा के बाद पूर मिडिल ईस्ट में हिंसा भड़क जाएगी. जिससे तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ जाएगा.
मिडिल ईस्ट में पैदा हुआ तनाव
वाजेह हो कि गाजा हिंसा के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव पैदा हो गया है. गाजा जंग के बाद से ही ईरान ने इसराइल को सबक सिखाने की कसम खाई हैं. इस हिंसा के बाद पूरी दुनिया दो हिस्सों में बंट गई हैं. एक हिस्सा इसराइल का समर्थन कर रहा है, वहीं, दूसरा फिलिस्तीन का समर्थन कर रहा है. हालांकि, गाजा में इसराइली नरसंहार के बाद कई देशों ने इसराइल से खुद को अलग कर लिया है.