दारुल उलूम देवबंद में महिलाओं की एंट्री पर क्यों लगाया गया बैन, जानें पूरा मसला
Darul Uloom News: दिल्ली जमा मस्जिद के बाद दारुल उलूम देवबंद में ख्वातीन (महिलाओं) के दाखिल होने पर बैन कर दिया गया है. इस बीच इदारा ने बताया है कि महिलाओं की एंट्री पर क्यों बैन लगाया गया है.
Darul Uloom News: दारुल उलूम देवबंद में ख्वातीन (महिलाओं) के दाखिल होने पर बैन कर दिया गया है. इस इदारा ने ये फैसला औरतों के रील बनाने की वजह से लिया है. दारुल उलूम देवबंद का कहना है कि औरतों के रील बनाने की वजह से यहां पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न होता है.
मस्जिद के मौलाना ने क्या कहा?
मस्जिद के मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने बताया, "यह फैसला सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले वीडियो को देखते हुए लिया गया है. दारुल उलूम में औरतों के एंट्री को बैन कर दिया है. यहां आने वाली औरतें रील बनाकर सोशल मीडिया पर उसे शेयर करते थीं, जिसके वजह से पूरे देश में इस इरादा की छवि खराब हो रही थी. इसके साथ ही यहां पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की पढ़ाई भी बाधित हो रही थी."
छात्रों ने दर्ज कराई थी शिकायत
दारुल उलूम के मौलाना अबुल कासिम नेमानी ने आगे कहा, "ये जगह एक तालीमगाह है, जहां बच्चे एजुकेशन हासिल करते हैं. तालीमगाह में इस तरह से रील बनाना स्टूडेंट्स के लिए बेहतर नहीं होता है. चूंकि यहां नया सेशन शुरू होने वाला है, इसलिए महिलाओं की एंट्री पर बैन लगाने का फैसला लिया गया है. क्योंकि रील बनाने की वजह से यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की पढ़ाई बाधित होता है. स्टूडेंट्स ने इस बात को लेकर कई बार शिकायत दर्ज कराई थी.
जामा मस्जिद में भी लड़कियों पर लग चुका है बैन
दिल्ली की ऐतिहासिक मस्जिद जामा मस्जिद में भी अकेली लड़कियों की एंट्री पर बैन लगी थी. जिसके बाद भारी बवाल हुआ था. मस्जिद प्रशासन की तरफ से आदेश जारी किया गया था कि अब मस्जिद में अकेली लड़की को एंट्री नहीं दी जाएगी. क्योंकि यहां लड़कियां रील बनाती हैं, जिससे मस्जिद में नमाज पढ़ रहे लोगों को तकलीफ होती है. हालांकि, देश में भारी बवाल के बाद मस्जिद प्रशासन ने ये बैन हटा लिया था.