New Delhi: भारत में तालिबानी हुकूमत ने अफगान दूतावास को बंद करने का ऐलान किया था, लेकिन इसके बावजूद भारत में मौजूद अफगान दूतावास में काम जारी है. इसकी जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने दी है. 3 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, "नई दिल्ली में मौजूद अफगान दूतावास काम करना जारी रख रहा है."


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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को मीडिया से कहा, "मंत्रालय को पिछले हफ्ते एक संदेश मिला था कि अफगान दूतावास 1 अक्टूबर से अपना काम बंद कर देगा. दूतावास ने रविवार को बयान में कहा था कि वह अफगान नागरिकों को आपातकालीन कांसुलर सेवाएं देना जारी रखेगा. नई दिल्ली में दूतावास लगातार काम कर रहा है."


उन्होंने कहा, "हम दूतावास में मौजूद अफगान राजनयिकों और मुंबई और हैदराबाद में वाणिज्य दूतावासों में मौजूद डिप्लोमेट्स के संपर्क में हैं. अफगान राजदूत की लंबे वक्त से गैरहाजिर है. हाल के दिनों में कई राजनयिक वापस चले गए."


मंत्रालय ने बताया कि गुरुवार को अफगान दूतावास की दूसरी कोई टिप्पणी नहीं आई. भारत ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है, जिसने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया था. इसने अमेरिका की वापसी से पहले काबुल से अपने कर्मचारियों को निकाल लिया था. दो साल पहले अफगानिस्तान से आए थे और अब वहां उनकी कोई राजनयिक उपस्थिति नहीं है. नई दिल्ली में अफगान दूतावास को भारतीय अधिकारियों की इजाजत से अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के जरिए नियुक्त किए गए कर्मचारियों के जरिए चलाया जा रहा है.


पिछले साल, भारत ने अफगानिस्तान में गेहूं, दवा, कोविड ​​-19 टीके और सर्दियों के कपड़े सहित राहत सामग्री भेजी थी, ताकि वहां की कमी को पूरा किया जा सके. भारत सरकार ने पिछले साल जून में काबूल में मौजूद दूतावास में अधिकारियों की टीम भेजी थी. 


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