नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान का जेल जाना और सांसद सदस्यता रदद होना आपको याद होगा.. आजम खान पर इल्जाम था कि उन्होंने नफरत अंगेज भाषण दिए हैं. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस वक्त संसद और विधानसभाओं में कुल 107 सांसदों और विधायकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण के मामले दर्ज हैं. पिछले पांच सालों में ऐसे मामलों वाले 480 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.


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एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने पिछले पांच सालों में मुल्क में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में नाकाम उम्मीदवारों के अलावा सभी मौजूदा सांसदों और विधायकों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण कर यह आंकड़ा जुटाने का काम किया है. इस विश्लेषण से पता चलता है कि कई सांसद और विधायक, ने वास्तव में अपने खिलाफ 'घृणास्पद भाषण' से संबंधित मामलों की घोषणा की है. यह विश्लेषण सांसदों और विधायकों द्वारा पिछला चुनाव लड़ने से पहले दिए गए हलफनामों पर आधारित है.


33 सांसदों पर हेट स्पीच का केस है दर्ज 
विश्लेषण के मुताबिक, 33 सांसदों ने अपने खिलाफ घृणा भाषण से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जिनमें सात उत्तर प्रदेश से, चार तमिलनाडु से, तीन-तीन बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना से, दो-दो असम, गुजरात, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से और एक झारखंड, मध्य प्रदेश, केरल, ओडिशा और पंजाब से एक-एक सांसद हैं. वहीं, एडीआर ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित घोषित मामलों वाले 480 उम्मीदवारों ने राज्य विधानसभाओं, लोकसभा और राज्यसभा का चुनाव लड़ा था. 

हेट स्पीच मामले में अकेले भाजपा के 22 सांसद हैं आरोपी  
इसमें कहा गया है कि नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित मामलों वाले 22 सांसद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हैं, दो कांग्रेस से और एक-एक आम आदमी पार्टी (एएपी), एआईएमआईएम, एआईयूडीएफ, डीएमके, एमडीएमके, पीएमके, शिव सेना ( (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और वीसीके, इसके अलावा एक स्वतंत्र सांसद भी इस सूची में शामिल हैं.

72 विधायकों के खिलाफ भी हेट स्पीच का मामला 
चौहत्तर विधायकों ने अपने खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित मामलों की घोषणा की है. बिहार और उत्तर प्रदेश से नौ-नौ, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना से छह-छह, असम और तमिलनाडु से पांच-पांच, दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल से चार-चार, झारखंड और उत्तराखंड से तीन-तीन, कर्नाटक, पंजाब से दो-दो ऐसे विधायक हैं. राजस्थान और त्रिपुरा से और एक-एक और मध्य प्रदेश और ओडिशा से भी ऐसे एक-एक विधायक हैं.

अकेले 20 विधायक भाजपा से 
नफरत फैलाने वाले भाषण से संबंधित मामलों वाले ऐसे विधायकों में अकेले 20 विधायक भाजपा से हैं. वहीं, कांग्रेस से 13, आप से छह, सपा और वाईएसआरसीपी से पांच-पांच, डीएमके और राजद से चार-चार, एआईटीसी और एसएचएस से तीन-तीन, दो एआईयूडीएफ से और एआईएमआईएम, सीपीआई (एम), एनसीपी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, टीडीपी, टिपरा मोथा पार्टी और टीआरएस से एक-एक के अलावा दो निर्दलीय विधायक भी इस लिस्ट में शामिल हैं.


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