मिजोरम से म्यांमार के 151 सैनिकों को विमान से भेजा गया वापस ; जानें पूरा मामला
Myanmar News: अधिकारियों के मुताबिक, म्यांमार के सैनिक शुक्रवार को अपने हथियारों और गोला-बारूद के साथ मिजोरम के लॉन्ग्टलाई जिले में भाग गए. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
Myanmar News: लोकतंत्र समर्थक जातीय समूहों के जरिए सैन्य शिविरों पर कब्जा किए जाने के बाद शुक्रवार को भागकर मिजोरम आए म्यांमार के 151 सैनिकों को आज यानी 2 जनवरी को म्यांमार के सैन्य विमान से वापस भेज दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि म्यांमार वायुसेना का एक विमान सैनिकों को वापस लेने के लिए मंगलवार की दोपहर में लेंगपुई हवाईअड्डे पर उतरा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "मांडले (म्यांमार) से म्यांमार एयरफोर्स का एक परिवहन विमान लेंगपुई हवाईअड्डे पर उतरा और दो उड़ानों में 151 म्यांमार सैनिकों को अक्याब ले गया. म्यांमार के सैनिकों के प्रस्थान से पहले, भारतीय अधिकारियों ने सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं."
अधिकारियों के मुताबिक, म्यांमार के सैनिक शुक्रवार को अपने हथियारों और गोला-बारूद के साथ मिजोरम के लॉन्ग्टलाई जिले में भाग गए और भारत-म्यांमार सीमा के पास उनके शिविरों पर अराकान सेना के लड़ाकों के जरिए कब्जा कर लिए जाने के बाद असम राइफल्स से संपर्क किया. भाग रहे म्यांमार सैनिकों में से कुछ बंदूक की लड़ाई में गंभीर रूप से घायल हो गए और असम राइफल्स द्वारा उन्हें बुनियादी चिकित्सा उपचार प्रदान किया गया. ये जवान लॉन्ग्टलाई के पारवा में असम राइफल्स की हिरासत में थे.
म्यांमार सेना और सशस्त्र लड़ाकों के बीच पिछले हफ्ते भारतीय सीमा के करीब के इलाकों में भीषण गोलीबारी फिर से शुरू हो गई, जिससे भारतीय क्षेत्र में सैनिकों की ताजा आमद हो गई. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि लोकतंत्र समर्थक ताकतों के भीषण हमले के बाद कोई सैनिक मारा गया या नहीं. नवंबर में सीमा के पास उनके शिविरों पर लोकतंत्र समर्थक सशस्त्र समूहों द्वारा कब्जा कर लिए जाने के बाद अधिकारियों सहित कुल 104 म्यांमार सैनिक अलग-अलग चरणों में मिजोरम भाग गए.
13 नवंबर के बाद से चिन राज्य में उनके शिविरों पर चिन राष्ट्रीय संगठन की सशस्त्र शाखा, चिन राष्ट्रीय रक्षा बल द्वारा कब्जा कर लिए जाने के बाद कई म्यांमार सैनिक विभिन्न चरणों में भारतीय क्षेत्र में भाग गए. उन्हें पहले भारतीय वायुसेना द्वारा मणिपुर के मोरेह में हवाई मार्ग से भेजा गया था, जहां से उन्हें म्यांमार की ओर के निकटतम शहर तामू में वापस लाया गया था.