Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले की महाराजगंज सांप्रदायिक हिंसा मामले में पुलिस ने शुक्रवार को 26 और मुल्जिमों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की गिरफ्तारियों को मिलाकर अब तक दोनों समुदायों के कुल 87 लोग गिरफ्तार हुए हैं. इससे पहले बृहस्पतिवार रात तक पुलिस ने राम गोपाल मिश्र हत्याकांड के छह अभियुक्तों सहित कुल 61 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें बृहस्पतिवार को पुलिस मुठभेड़ में घायल हुए सरफराज व तालिम भी शामिल हैं. 


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होगी बुलडोजर कार्रवाई
शुक्रवार को जिले की सभी मस्जिदों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जुमे की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुई. जिले के सभी बाजारों में शाम को चहल पहल व आवागमन शुरू हो गया है. बहराइच शहर में कुछ धार्मिक जुलूस भी निकले हैं, जिससे अमन चैन कायम होने की पुष्टि होती दिख रही है. हलांकि तनाव का सबब बने महाराजगंज बाजार में अब भी रौनक वापस नहीं लौटी है. यहां मकानों पर ध्वस्तीकरण नोटिस चस्पा होने से बुलडोजर कार्यवाही की आशंका में लोग सहमे हुए हैं.


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सजाए मौत की मांग
इससे पहले बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए युवक की पत्नी ने दावा किया है कि परिवार को मांग के अनुरूप न्याय नहीं मिल रहा. मृतक राम गोपाल मिश्रा की पत्नी रोली मिश्रा ने कहा, "मैं राम गोपाल मिश्रा की पत्नी हूं, जिनका चार दिन पहले कत्ल कर दिया गया था. हम न्याय की मांग कर रहे हैं, जो हमें नहीं मिल रहा. प्रशासन हमें न्याय नहीं दिला पा रहा." रोली ने कहा, ''उन्होंने (पुलिस) रिश्वत ली है. वे (दोषी) पकड़े जरूर गए हैं, लेकिन मारे नहीं गए हैं." रोली ने कहा, "पुलिस और प्रशासन हमारे साथ अन्याय कर रहे हैं. हमें वह नहीं मिल रहा जो हम चाहते हैं." इससे पहले, रोली ने बहराइच हिंसा के दोषियों के लिए "मौत" की सजा की मांग की थी. हिंसा के बाद जब रोली से पूछा गया कि वह दोषियों के लिए क्या सजा चाहती हैं, तो उन्होंने कहा, "हम उनकी मौत चाहते हैं."


क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि 13 अक्टूबर को मां दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन जुलूस में डीजे पर गाना बजाने को लेकर महाराजगंज कस्बे में हुए विवाद के बाद हिंसा फैली. हिंसा में 22 साल के युवक रामगोपाल मिश्र की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हुए. इसके बाद बेकाबू भीड़ ने सोमवार तक खूब उत्पात मचाया, घर, दुकानें अस्पताल, बाइकें व कारें जला दी गई. पुलिस के मुताबिक 13 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक छः नामजद सहित करीब 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ कुल 11 मुकदमे दर्ज हुए थे. इन्हीं मुकदमों व शांति भंग की आशंका में उक्त गिरफ्तारियां हुई हैं.