नए RS सांसदों को PM की नसीहत; कैमरा देखकर न हों उत्साहित, सोच-समझकर खोलें अपना मुंह
प्रधानमंत्री ने सांसदों से यह भी कहा कि मीडिया के कैमरे देखकर उत्साहित न हों और बिना सोचे-समझे बोलना शुरू न करें. मीडिया का संयम किसी भी राजनेता के लिए महत्वपूर्ण होगा.
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल सहित राज्यसभा के लिए निर्वाचित 27 सदस्यों ने शुक्रवार को उच्च सदन की सदस्यता के लिए शपथ ली. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा की सदस्यता ग्रहण करने वाले भारतीय जनता पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को सदन में नियमित रूप से हाजिर रहने, तैयारी के साथ आने और अपने खिताब के दौरान शब्दों का सावधानीपूर्वक चयन करने की सलाह दी है. प्रधानमंत्री ने सांसदों से यह भी कहा कि मीडिया के कैमरे देखकर उत्साहित न हों और बिना सोचे-समझे बोलना शुरू न करें. मीडिया का संयम किसी भी राजनेता के लिए महत्वपूर्ण होगा.
चर्चा और बहस में नियमित रूप से हिस्सा लें सांसद
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने सदस्यों से कहा कि वे संसद में अच्छी तरह से तैयार होकर आएं. चर्चा और बहस में नियमित रूप से हिस्सा लें और उच्च सदन द्वारा निर्धारित मानकों से सीखने पर ध्यान दें. पीएम के हवाले से एक अन्य सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी सदस्यों से कहा कि कोई भी बिना तैयारी के सदन में न आए और कार्यवाही को हल्के में न लें, यह बड़ों का घर है.“ इस मौके पर प्रधान मंत्री ने कहा कि दूसरे दलों के विपरीत, भाजपा ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को सदन में लाया है और उन्हें लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में राज्यों का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है.
इन सांसदों ने ली शपथ
शपथ लेने वालों में भाजपा के सुरेंद्र सिंह नागर, के लक्ष्मण, कल्पना सैनी और लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी शामिल थे. सदस्यों में कांग्रेस नेता जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, रालोद के जयंत चौधरी प्रमुख नाम हैं. 10 राज्यों के इन 27 सदस्यों ने 10 भाषाओं में शपथ ली. 12 हिंदी में, चार अंग्रेजी में, दो-दो संस्कृत, कन्नड़, मराठी और उड़िया में और एक-एक पंजाबी, तमिल और तेलुगु में. मोदी ने शुक्रवार शाम को शपथ लेने वाले सांसदों से मुलाकात की. शपथ ग्रहण समारोह के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने स्पष्ट किया कि जिन निर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली है वे भी 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान कर सकते हैं. नायडू ने बताया कि सदन का आगामी मानसून सत्र भी सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा मानदंडों के अनुरूप कोविड-19 प्रोटोकॉल के मुताबिक आयोजित किया जाएगा.
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