एक रिपोर्ट में यह बात समाने आई है कि बेहतर वेतन पैकेज और पदोन्नति की उम्मीद करने वाले लगभग 42 फीसदी भारतीय कर्मचारी अगले साल नौकरी बदल सकते हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 26 फीसदी है. वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म पीडब्ल्यूसी के मुताबिक, जेन जेड, जेन एक्स और बूमर्स की तुलना में मिलेनियल्स वेतन वृद्धि (74 प्रतिशत) और पदोन्नति (74 प्रतिशत) को लेकर अधिक इच्छुक हैं.


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काम में हो रहे बदलाव
सभी स्तरों पर, 73 प्रतिशत सीनियर अफसरों, 70 प्रतिशत प्रबंधकों और 63 प्रतिशत गैर-प्रबंधकों द्वारा वेतन वृद्धि की मांग करने की उम्मीद है. पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर कार्तिक ऋषि ने कहा, "अधिकांश भारतीय लीडर अपने व्यवसायों की भविष्य की सफलता के लिए अपने कार्यबल के बदलने की गंभीरता से अवगत हैं. इसी प्रकार उनके काम और कार्यस्थल में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं, भारत में कर्मचारी कौशल को बढ़ाने की जरूरत के बारे में ज्यादा जागरूक हैं, यह उनके करियर निर्णयों में एक महत्वपूर्ण कारक बनता जा रहा है."


काम की उत्पादकता बढ़ाएगा AI
इसके अलावा, रिपोर्ट से पता चला है कि 51 प्रतिशत भारतीय कर्मचारियों का मानना है कि वैश्विक उत्तरदाताओं के 31 प्रतिशत की तुलना में एआई काम पर उनकी उत्पादकता बढ़ाएगा, बशर्ते उनके संगठन अपस्किलिंग अवसरों के साथ समर्थन करें.


नियोक्ताओं से कर रहा अधिक मांग
लगभग 62 प्रतिशत का मानना है कि अगले पांच सालों में अपना काम करने के लिए आवश्यक कौशल में काफी बदलाव आएगा. पीडब्ल्यूसी इंडिया की पार्टनर अनुमेहा सिंह ने कहा, ''एआई की बढ़ती अनिश्चितता के बीच कर्मचारी सभी मामलों में अपने नियोक्ताओं से अधिक की मांग कर रहे हैं. कार्यबल केवल प्रतिस्पर्धी मुआवजे के साथ समझौता नहीं कर रहा है, बल्कि अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नौकरी में अवसर तलाश रहा है."


नकारात्मक है AI
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 24 प्रतिशत भारतीय कर्मचारियों का मानना है कि एआई उनके काम की प्रकृति को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करेगा, जो वैश्विक औसत से 10 प्रतिशत अधिक है. वैश्विक उत्तरदाताओं के 13 प्रतिशत की तुलना में लगभग 21 प्रतिशत का मानना है कि एआई उनका काम संभाल लेगा.