लखनऊः उत्तर प्रदेश में पूर्व विधायक और माफिया अतीक अहमद की भाई समेत हत्या के बाद प्रदेश के दागी पूर्व विधायक सहमे हुए हैं. खासकर मुख्यमंत्री के माफिया को मिट्टी में मिला देने की धमकी और संकल्प के बाद इस प्रवृति वाले वर्तमान और पूर्व दोनों विधायक और नेता डरे हुए हैं. हालांकि, ये डर का माहौल ज्यादातर मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले विधायकों के बीच है, क्योंकि सपा के कई वर्तमान विधायकों के खिलाफ भी सरकार ने उनकी संपत्तियों पर बुल्डोजर चलाने की कार्रवाई की है. वहीं अतीक की हत्या और उसकी संपत्ति कब्जाने के बाद पूर्व विधायक और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी का बार-बार नाम उछाला जा रहा है कि अब सरकार अंसारी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. 


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लेकिन जानकारों की मानें तो सरकार न सिर्फ पूर्व मुस्लिम बाहुबली नेताओं को निशाने पर लेगी बल्कि इसमें खुद को निष्पक्ष दिखाने के लिए सरकार कुछ हिंदू पूर्व बाहुबली नेताओं को भी टारगेट पर ले सकती है. उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई कर अतीक, आजम खान और अन्य मुस्लिम नेताओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को जायज और बैलेंस करने की कोशिश कर सकती है. 
पुलिस सूत्रों की माने तो ऐसे 66 नेताओं की पहचान की गई है, जिनके खिलाफ सरकार कारर्वाइ करने की तैयारी में है, लेकिन इन 66 नेताओं में 7 ऐसे नेता भी हैं, जिन्हें 'मोस्ट वांटेड' की सूची में रखा गया है. इनमें पूर्व विधायक शामिल हैं. 

'मोस्ट वांटेड' लिस्ट में  इनके नाम 
उत्तर प्रदेश पुलिस की 'मोस्ट वांटेड' लिस्ट में हत्या और जबरन वसूली जैसे गंभीर अपराधों में शामिल अपराधियों और भूमि और संपत्ति हड़पने के मामलों में आरोपी विधायकों के नाम शामिल हैं. लिस्ट में शामिल लोगों में डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी का नाम पहले नंबर पर रखा गया है. पूर्व विधायक विजय मिश्रा, पूर्व बसपा विधायक हाजी याकूब कुरैशी, पूर्व बसपा एमएलसी हाजी इकबाल, वाराणसी के पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह, सपा के पूर्व सांसद रिजवान जहीर, पूर्व बसपा एमएलसी संजीव द्विवेदी के नाम भी इनमें शामिल हैं. गोरखपुर में पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुधीर सिंह और ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्रा भी इसमें शामिल हैं.

जाति, धर्म और क्षेत्र से परे हटकर कार्रवाई 
विशेष डीजी, कानून और व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने बताया कि अपराधियों के खिलाफ उनकी जाति, धर्म और क्षेत्र से परे हटकर कार्रवाई की गई है. कुमार ने कहा, "हम डीजीपी मुख्यालय से इन 66 अपराधियों की निगरानी करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन मामलों में उन्हें एक अंडरट्रायल के रूप में नामित किया गया है, उन्हें आगे बढ़ाया जाए, ताकि दोष सिद्ध हो सके." अफसर ने कहा, "लिस्ट में शामिल गिरोह के सदस्यों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है. एसटीएफ और एएनटीएफ जैसी विशेष पुलिस इकाइयां भी उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करेंगी."  

पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल है फरार 
प्रशांत कुमार ने कहा, जिन 66 लोगों की पहले लिस्ट तैयार की गई थी उनमें से दो की मौत हो गई है. एक अतीक अहमद और दूसरे आदित्य राणा. राणा पर 2.5 लाख रुप का इनाम था, और बिजनौर में पुलिस के साथ मुठभेड़ में वह मारा गया था. विशेष डीजी ने कहा, "बाकी में से 27 जेल में हैं, पांच फरार हैं, जबकि अन्य जमानत पर बाहर हैं." कुमार ने कहा, "भागने वालों में बदन सिंह बद्दो, मुजफ्फरनगर के विनय त्यागी, पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और अन्य के नाम शामिल हैं. इन लोगों पर एक लाख रुपये का इनाम भी रखा गया है." 


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