Mamta Banerjee: पंश्चिम बंगाल से एक बड़ी खबर आ रही है. यहां बीजेपी के वर्कर ने एक कार्यक्रम के दौरान सीएम ममता बनर्जी पर राष्ट्रगान का अपमान का इल्जाम लगाया था और उनके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, "राष्ट्रगान का पाठ करना, इसे गाने के समान नहीं है."  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट  एस. बी. काले ने सोमवार को शिकायत खारिज करते हुए कहा, "इसके अलावा, कार्यक्रम के वीडियो में बनर्जी को राष्ट्रगान के गाने के दौरान अचानक निकलते हुए नहीं देखा गया, जैसा कि इल्जाम लगाया गया है."


 कोर्ट ने कहा, "राष्ट्रगान ‘गाना' और 'कुछ शब्द या पंक्तियों को पढ़ना' दो अलग-अलग चीजें हैं और इनकी एक-दूसरे से बराबरी नहीं की जा सकती, अन्यथा, इसे दर्शकों को समझाने वाले किसी टीचर या वक्ता को राष्ट्रगान के अपमान के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. जब कानून बनाया गया था तो विधायिका का इरादा ऐसे व्यक्ति पर मुकदमा चलाना नहीं था."


BJP विवेकानंद गुप्ता ने शिकायत में यह इल्जाम लगाते हुए मजिस्ट्रेट की अदालत का रुख किया था कि बनर्जी दिसंबर 2021 में अपने मुंबई दौरे के दौरान एक कार्यक्रम में राष्ट्रगान बजने पर खड़ी नहीं हुई थीं. उन्होंने बनर्जी पर राष्ट्रगान का अपमान करने का इल्जाम लगाया था और अदालत से गुजारिश कि पुलिस को उनके खिलाफ ‘राष्ट्रीय गौरव के अपमान की रोकथाम’ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया जाए. 


कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ''वीडियो के 17 से 19 सेकंड के हिस्से को देखने के बाद, मैंने पाया कि प्रासंगिक वक्त पर मुल्जिम राष्ट्रगान के कुछ शब्द पढ़ती दिखाई दे रही हैं. वीडियो में यह नहीं दिखाया गया है कि बनर्जी राष्ट्रगान गा रही थीं या उन्होंने इसे गाने की कोशिश की."


कोर्ट ने कहा, "इसके अलावा, मुल्जिम अचानक राष्ट्रगान गाना बंद करते या कार्यक्रम स्थल छोड़ते हुए नहीं देखी गईं. शिकायतकर्ता ने केवल 17 से 19 सेकेंड का वीडियो फुटेज पेश किया और यह दिखाने के लिए कोई सामग्री पेश नहीं की कि बनर्जी ने किस संदर्भ में राष्ट्रगान की पंक्तियां पढ़ीं." 


Zee Salaam