नई दिल्लीः कारोबारी गौतम अडाणी का समूह ने अब एनडीटीवी न्यूज चैनल में हिस्सेदारी खरीदने के साथ ही समाचार चैनल इंडस्ट्री में कदम रखने का फैसला किया है. अडाणी समूह ने इससे पहले अपने प्रतिद्वंद्वी उद्योगपति मुकेश अंबानी से जुड़ी एक कंपनी का अधिग्रहण किया था. इस कंपनी ने 2008-09 में एनडीटीवी को 250 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था. अडाणी समूह की कंपनी ने इस कर्ज को अब एनडीटीवी समाचार चैनल में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया है.
वहीं, एनडीटीवी ने कहा है कि नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड या इसके संस्थापक-प्रवर्तकों के साथ बिना किसी चर्चा के विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उन्हें नोटिस जारी किया गया है. 


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समूह ने मंगलवार को बताया कि इसी के साथ उसने एनडीटीवी में 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए 493 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की है. इसे अडाणी समूह का मीडिया क्षेत्र में बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है.
इस खबर के बाद एनडीटीवी का शेयर मंगलवार को बीएसई में 2.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ 366.20 रुपये पर बंद हुआ. कंपनी के शेयरों में इस वर्ष अबतक 300 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है. हालांकि, समूह की तरफ यह खुली पेशकश कंपनी के शेयर मूल्य से 19.71 फीसदी से कम है. 

इस डील में एनडीटीवी संस्थापकों की सहमति नहींः एनडीटीवी
इससे पहले एनडीटीवी ने सोमवार को दावा किया था कि उसके प्रवर्तक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए किसी भी कारपोरेट समूह से बातचीत नहीं कर रहे हैं. समाचार चैनल ने कहा था कि राधिका और प्रणय रॉय कंपनी का मालिकाना हक बदलने या एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए किसी योजना पर काम नहीं कर रहे हैं और न ही ऐसा कोई इरादा है. एनडीटीवी ने कहा है कि नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड या इसके संस्थापक-प्रवर्तकों के साथ बिना किसी चर्चा के विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उन्हें नोटिस जारी किया गया है. एनडीटीवी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, “एनडीटीवी के संस्थापक और कंपनी यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वीसीपीएल द्वारा अधिकारों के इस प्रैक्टिस को एनडीटीवी के संस्थापकों से किसी इनपुट, बातचीत या रजामंदी के बिना निष्पादित किया गया था, एनडीटीवी को इस तरह के प्रैक्टिस से आज अवगत कराया गया है. 


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