चुनाव के बाद बहुतों की जमानत भी हो गई जब्त; क्या आप इसका मतलब भी जानते हैं? नहीं, तो जान लीजिए
जब कोई प्रत्याशी नामांकन पत्र भरता है तो उसे सिक्योरिटी मनी के रूप में दस हजार रुपये की धनराशि जमा करवानी होती है. लेकिन जब कोई उम्मीदवार चुनाव में कुल वोटों का छठवां हिस्सा हासिल नहीं कर पाता तो चुनाव आयोग यह राशि जब्त कर लेता है.
Noida: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की मतगणना पूरी हो चुकी है और नतीजे सबके सामने आ गए हैं लेकिन इस बीच के जब चुनाव नतीजे सामने आ चुके हैं तो ऐसे में काफी प्रत्याशियों की जमानत जब्त होनी तय है. ऐसे में एक सवाल जो ज्यादातर लोगों के मन में रहता है कि आखिर चुनाव में जमानत जब्त होने का मतलब क्या होता है तो आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर यह जमानत जब्त कैसे होती है और इसकी क्या प्रोसेस है.
दरअसल जब कोई प्रत्याशी नामांकन पत्र भरता है तो उसे सिक्योरिटी मनी के रूप में दस हजार रुपये की धनराशि जमा करवानी होती है. लेकिन जब कोई उम्मीदवार चुनाव में कुल वोटों का छठवां हिस्सा हासिल नहीं कर पाता तो चुनाव आयोग यह राशि जब्त कर लेता है लेकिन अगर वह वोटों का छठवां हिस्सा हासिल कर लेता है तो उसे उसकी राशि वापस कर दी जाती है. इसके अलावा कई और भी परिस्थितियों में उम्मीदवार को जमानत राशि वापस कर दी जाती है.
किस चुनाव में कितनी जमानत राशि जमा करनी पड़ती है?
लोकसभा चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को 25 हजार रुपये बतौर जमानत राशि जमा करनी पड़ती है, वहीं 10 हजार रुपये जमा करना पड़ता हैं विधानसभा चुनाव के लिए हालांकि SC और ST वर्ग के प्रत्याशी के लिए साढ़े 12 हजार लोकसभा चुनाव के लिए और पांच हजार रुपए विधानसभा चुनाव के लिए बतौर जमानत राशि जमा करवाने पड़ते हैं.
जमानत राशि इन 5 कारणों से मिल सकती है वापस
1.अगर नामांकन पत्र चुनाव आयोग खुद खारिज कर दे.
2.समय से पहले उम्मीदवार खुद अपना नामांकन वापस ले लें.
3.मतदान से पहले अगर उम्मीदवार की मौत हो जाए तो उसके परिवार को मिल सकता है.
4.उम्मीदवार वोटिंग का छठवां हिस्सा हासिल कर ले.
5.उम्मीदवार वोटिंग का छठवां हिस्सा हासिल ना कर पाए मगर चुनाव जीतने पर राशि लौट सकती है.
16,667 वोटों से कम वोट मिलेंगे, उसकी जमानत जब्त कर ली जाएगी.
जब भी कोई उम्मीदवार किसी चुनावी क्षेत्र में पड़े कुल वोटों का छठवां हिस्सा प्राप्त नहीं कर पाता तो उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है. मान लिया जाए अगर किसी इलाके में एक लाख लोगों ने वोट दिया है तो जिस भी उम्मीदवार को 16,667 वोटों से कम वोट मिलेंगे, उसकी जमानत जब्त कर ली जाएगी. आपको बता दें कि ये जमानत राशि सभी उम्मीदवारों को नामांकन पत्र जमा करते समय चुनाव आयोग के पास जमा करवानी पड़ती है.
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