UP-उत्तराखंड के बाद अब असम में भी होगा मदरसों का सर्वे, लेकिन इससे दूर रहेगी सरकार !
Madarsa Survey in Assam: असम सरकार ने राज्य के मदरसों के सर्वे का काम मदरसों के ही एक संगठन ऑल असम तंजीम ए मदारीसे कोमियां को सौंप दिया है, जिसके बाद लोगों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है.
गुवाहाटी/ शरीफ उद्दीन अहमद: भाजपा नीत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मदरसों के सर्वे के बाद अब असम की भाजपा सरकार ने भी मदरसों के सर्वेक्षण का आदेश दिया है. असम सरकार और असम पुलिस के तरफ से राज्य के प्रत्येक मदरसे का सर्वे करने के लिए ऑल असम तंजीम ए मदारीसे कोमियां को यह जिम्मदारी सौंपी गई है. सरकार ने इस संगठन को सर्वे के लिए इस लिए चुना है क्योंकि इस संघ के अंदर जितने भी मदरसे हैं, सरकार को उससे कोई आपत्ति नहीं है. सरकार मानती है कि ऑल असम तंजीम ए मदारीसे कोमियां जिस नियम कानूनों के तहत मदरसों का संचालन करता है, अन्य मदरसों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए.
मॉनिटरिंग करने में होगी आसानी
सरकार ने ऑल असम तंजीम ए मदारीसे कोमियां से यह भी कहा है कि वह राज्य के सभी मदरसों को अपने संघ के तहत लाए और उसा नियम कानूनों के तहत संचालन करने में उनकी मदद करे. सरकार का मानना है कि एक संघ के बैनर तले राज्य के सारे मदरसों के आने के बाद वहां कोई गैर-कानूनी गतिविधियां नहीं होगी और उनकी मॉनिटरिंग करने में भी आसानी होगी.
मदरसे को बंद कर दिया जाएगा
असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने बताया कि ऑल असम तंजीम ए मदारीसे कोमियां के तरफ से एक लेटर और एक फॉर्म जारी की गई जिसके तहत इसी महीने से राज्य के हर एक जिले पर तंजीम मदरसे में जाकर सर्वे शुरू करेगा. इस फॉर्म में जिस तरह से नियम बनाए गए हैं उनका अनुसरण करते हुए सभी मदरसे तंजीम के अंदर शामिल होना होंगे. इसमें शामिल नहीं होने वाले मदरसे को बंद कर दिया जाएगा.
सर्वे में रखी गई शर्तें
इस तंजीम के मदरसों के साथ शर्त है कि मदरसे की जमीन भी खुद की होनी चाहिए. मदरसे में दीनी तालीम के साथ-साथ आम तालीम भी होनी चाहिए. मदरसे के शिक्षक के अपॉइंटमेंट में भी नियम कानूनों का पालन होना चाहिए. इसलिए असम सरकार ने इस संगठन पर भरोसा जताते हुए राज्य के मदरसों के सर्वे का काम इसे सौंपा है.
जमीयत उलेमा ए हिंद ने किया स्वागत
इस मुद्दे पर जमीयत उलेमा ए हिंद असम के मेंबर और एआईयूडीएफ के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा, ’’ सरकार और आसाम पुलिस ने जो यह फैसला लिया है कि सर्वे तंजीम के तरफ से हो यह बहुत अच्छी बात है. तंजीम 50 साल पुरानी ऑर्गेनाइजेशन है जो जमीयत ए उलेमा ए हिंद असम के तरफ से बनाई गई थी. इस ऑर्गेनाइजेशन में 700 से ज्यादा मदरसे शामिल है, जो नियम कानूनों के तहत संचालित होते हैं.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले असम सरकार ने कई मदरसों में गैर-कानूनी गतिविधियां संचालित होने का आरोप लगाते हुए उसे धवस्त कर दिया था और कई मदरसा शिक्षकों को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. सरकार के इस कदम की विपक्ष और अन्य संगठनों ने आलोचना की थी.
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