Lok Sabha Spekaer: ओम बिरला के 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष बनने के बाद के संबोधन में श्रीनगर से नवनिर्वाचित सांसद आगा सैयद रूहुल्ला मेहदी ने स्पीकर से सदन की पवित्रता की रक्षा करने का आह्वान किया. मेहदी ने बिड़ला से मुस्लिम सांसद को "आतंकवादी" करार देने समेत अपमानजनक टिप्पणियों पर अंकुश लगाने और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने जैसे जल्दबाजी वाले फैसलों से बचने का भी आग्रह किया.


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अध्यक्ष के रूप में बिड़ला के चुनाव पर अपने दो मिनट के भाषण के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने जोशीले में स्पीकर से अपील करते हुए कहा, "आज से, आप न तो भाजपा, न कांग्रेस और न ही समाजवादी का प्रतिनिधित्व करते हैं; आपकी निष्ठा भारत के संविधान के प्रति है." उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि लोकसभाी अध्यक्ष ओम बिड़ला संविधान को कायम रखेंगे और लोकतंत्र के प्रतीक के रूप में सदन का नेतृत्व करेंगे.


मेहदी ने चेतावनी देते हुए स्पीकर के पिछले के कार्यकाल को याद दिलाते हुए कहा कि स्पीकर सरकार और विपक्षी आवाजों को संभालने और अपने कार्यकाल को परिभाषित करेंगे. उन्होंने कहा, "यह सदन आपको आपके कार्यों के लिए याद रखेगा, चाहे आपने सत्ता पक्ष को विपक्ष की बात सुनने के लिए मजबूर किया हो या आपने विपक्ष को चुप करा दिया हो."


मेहदी ने किया पिछली घटना का जिक्र
मेहदी ने निर्वाचित प्रतिनिधियों के सम्मान में अपनी बात रखते हुए एक पिछली घटना का हवाला देते हुए कहा कि पिछले कार्यकाल में एक सांसद ने एक साथी सांसद को, जो मुस्लिम था उन्हें "आतंकवादी" कहा था. उन्होंने कहा, "आपको याद किया जाएगा कि आपने सदन में उन आवाज़ों को कैसे चुप कराया था जिन्होंने एक निर्वाचित मुस्लिम सांसद को आतंकवादी कहा था या आपने उन आवाज़ों को इजाजत दी थी. "


क्या है पूरा मामला?
मेहदी ने आगे कहा, "अगर इस सदन में एक निर्वाचित सांसद को आतंकवादी कहा जाता है, तो मुझे आश्चर्य है कि देश में  मुसलमानों के साथ क्या हो रहा होगा." बता दें कि पिछले कार्यकाल के सितंबर में महीने में विशेष सत्र के दौरान पूर्व भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने पूर्व बसपा नेता दानिश अली को 'मुस्लिम आतंकवादी' कहा था. उन्होंने इसी घटना का जिक्र करते हुए स्पीकर को लिखे अपने पत्र में कहा कि दक्षिण दिल्ली के भाजपा सांसद ने दानिश अली "भड़वा (दलाल), "कटवा और  मुल्ला आतंकवादी (मुस्लिम आतंकवादी) कहा था."


हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ने इन टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा दिया था और सदन में उस वक्त मौजूद भाजपा के सीनियर नेता व  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तुरंत बाद बिधूड़ी की टिप्पणी के लिए सदन से माफी मांगी थी. वहीं, बाद में बिधूड़ी ने भी दिसंबर में लोकसभा विशेषाधिकार समिति की बैठक के दौरान अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया था.