जब ग्वालियर एयर रेंज पर IAF के मिग विमानों ने US विमानों को चटा दी धूल, उसी सबक की बदौलत अभिनंदन ने गिरा दिया था पाक F-16
भारतीय वायु सेना की क्षमताओं के बारे में अमेरिकी एयर फोर्स के टीम लीडर कर्नल ग्रेग न्यूबेक ने कहा कि आईएएफ (IAF) दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वायु सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो सकती है.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित वायु सेना का एयरबेस सेंट्रल एयरकमांड का एक हिस्सा है. यह एक सैन्य एयरबेस के साथ सिविल एयरपोर्ट भी है, जहां से देश के लगभग दो दर्जन से ज्यादा शहरों के लिए उड़ानों की सुविधा है. यहां विमान उड़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है और दूसरे देशों के एयरफोर्स के साथ सैन्य अभ्यास भी किए जाते हैं. हालांकि नागरिक उड्डयन से ज्यादा इस हवाई अड्डे का सामरिक महत्व है. आजादी के बाद से लेकर वर्तमान में कई मौकों पर ग्वालियर एयरबेस से मुल्क के दुश्मनों पर अटैक किया गया है. 1965 का भारत-पाक युद्ध हो, 1971 का बांग्लादेश का मुक्ति संघर्ष या फिर 1999 का कारगिल युद्ध, इन तमाम लड़ाईयों में ग्वालियर एयरबेस अपनी उपयोगिता साबित कर चुका है.
बालाकोट एयरस्ट्राइक में ग्वालियर से मिराज ने भरा था उड़ान
ग्वालियर एयरबेस की सबसे हालिया उपलब्धि पर नजर डालें तो वह पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा किया गया एयरस्ट्राइक है. 24 फरवरी 2019 को पाकिस्तान की सीमा में घुसकर जिस मिराज 200 और सुखोई लड़ाकू विमानों की मदद से आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया था, वह विमान ग्वालियर एयरबेस से ही उड़ान भरे थे. यहां से रात में एक साथा 12 मिराज 200 विमानों को बालाकोट एयरस्ट्राइक मिशन पर भेजा गया था. विमानों ने सुबह 3.30 बजे के आसपास पाकिस्तान के जाफराबाद, बालकोट और चकोटभ् इलाके में अतांकी संगठन जैश के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था.
कोई चम्तकार नहीं थी अभिनंदन के जरिए मिग-21 से एफ-16 को मार गिराना
खास बात यह है कि जब एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के एफ-16 को अभिनंदन वर्तमान ने अपने पुराने मिग-21 से निशाना बनाया तो लोगों को सहसा यकी नही नहीं हुआ कि 1960 के दशक का मिग-21 अमेरिका से आयातित एफ-16 जैसे पाकिस्तानी विमानों को टक्कर दे सकता है. क्योंकि मिग-21 आधुनिक एफ-16 जैसे विमानों का टार्गेट लॉक करने में सक्षम नहीं है. हालांकि तकनीकी तौर पर पहले भी हो चुका था. ग्वालियर एयरफोर्स रेंज में अमेरिकी वायुसेना के साथ युद्ध-अभ्यास होता है, करीब 20 साल पहले ऐसे ही एक युद्धाभ्यास में मिग-21 ने अमेरिकी एफ-सीरीज के विमानों को टार्गेट लॉक (यानी जब कोई लड़ाकू विमान दुश्मन के किसी विमान को अपने रडार पर हथियार चलाने के लिए लॉक कर लेता है) करने में कामयाब हो जाता है.
दोस्ताना अभ्यास में अमेरिकी विमानों को मिग ने दी थी चुनौती
वर्ष 2004 में एक भारत और अमेरिका वायु सेना के एक युद्ध अभ्यास में भारतीय वायु सेना के मिग-21 विमान में अमेरिका के आधुनिक एफ-सिरीज विमान को शिकस्त दे दी थी. ग्वालियर वायु सेना रेंज में 15 से 27 फरवरी तक आयोजित कोप इंडिया अभ्यास में, भारतीय पायलटों ने आश्चर्यजनक तौर पर 9ः1 के अनुपात से आधुनिक अमेरिकी विमानों और पायलटों पर बढ़त हासिल की थी. उस वक्त भारतीय सेना के इस कारनामे से अमेरिकी वायु सेना और यहां तक कि पेंटागन में चिंता छा गई थी. अमेरिकी वायु सेना को इस बात से काफी झटका लगा था कि लगभग 60 साल पहले रूस से खरीदा गया भारत का यह आउट ऑफ डेटेड मिग-21 विमान अमेरिका के आधुनिक विमानों पर भारी पड़ रहा है.
अमेरिकी वायु सेना ने IAF के सामने टेके घुटने
भारतीय पुराने और सस्ते लड़ाकू विमानों से शिकस्त खाने के बाद पेंटागन के अधिकारियों ने भारतीय वायुसेना की इन उपलब्धियों को एक तरह से नकारने की कोशिश की, लेकिन अमेरिकी एयर फोर्स के अफसरों ने भारतीय जवानों की तारीफ की और उनके तकनीकी कौशल का लोहा माना था. उन्होंने इस बात को स्वीकार किया था कि भारतीय वायु सैनिक उच्च प्रशिक्षित और तकनीकी कुशलता में अमेरिकियों से भी आगे हैं. यूएस के पायलटों को उनके मुकाबले में कम तकनीकी कौशल हासिल है. उन्होंने यह भी माना था कि रूसी लड़ाकू विमानों को उड़ाने में भारतीय सैनिक ज्यादा सहज और कुशल हैं.
भारतीय वायु सेना की क्षमताओं के बारे में अमेरिकी एयर फोर्स के टीम लीडर कर्नल ग्रेग न्यूबेक ने कहा कि पिछले दो हफ्तों में हमने जो देखा है, वह यह है कि आईएएफ दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वायु सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो सकती है. मुझे उस पायलट पर दया आती है जिसे कभी भारतीय वायुसेना का सामना करना होगा.
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