ज्ञानवापी सर्वे को असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी की घटना से जोड़कर चेताया; ASI से जताई ये उम्मीद
Asaduddin Owaisi: ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि हमें इस बात का डर है कि कहीं 23 दिसंबर या 6 दिसंबर जैसी घटनाएं न हो जाएं.
Asaduddin Owaisi On Gyanvapi Survey: ऑल इंडिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ़ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी सर्वे को लेकर अंदेशा जाहिर किया. ओवैसी ने कहा कि उन्हें आशंका है कि कहीं दूसरी बाबरी न हो जाए. ओवैसी ने कहा कि, कौन जानता है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वेक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद इसका क्या असर होगा. उन्होंने कहा, 23 दिसंबर 1949 को जब बाबरी में मूर्तियां रखी गईं, तो नमाज बंद हो गई. 6 दिसंबर 1992 को शिलान्यास की इजाजत दी गई और मस्जिद चली गई. हमें डर है कि एएसआई की रिपोर्ट के आने के बाद दूसरी बाबरी न हो जाए.
6 दिसंबर जैसी घटना न हो जाए:ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि ASI की रिपोर्ट आएगी तो बीजेपी एक नरेटिव सेट करेगी, हमें डर है कि कहीं 23 दिसंबर या 6 दिसंबर जैसी घटनाएं न हो जाए. हम नहीं चाहते कि बाबरी मस्जिद जैसे मामले और खुल जाएं. उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने शनिवार को ज्ञानवापी परिसर में एक बार फिर वैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य शुरू किया. दूसरे दिन शनिवार को भी ज्ञानवापी सर्वे जारी रहा. सरकारी वकील राजेश मिश्रा ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सर्वे टीम सुबह परिसर पहुंची और अपना काम फिर से शुरू किया. राजेश मिश्रा शुक्रवार को दिन भर हुए सर्वे के दौरान सर्वेक्षण टीम के साथ थे. इससे पहले, इलाहाबाद उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद ASI की एक टीम कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार सुबह ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई थी और सर्वेक्षण कार्य शुरू किया था.
ज्ञानवापी परिसर का सर्वे
शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हालांकि, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने ASI को सर्वेक्षण के दौरान परिसर में किसी भी तरह की तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था. वहीं, वाराणसी की जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए ASI को चार सप्ताह का अतिरिक्त वक्त दिया था.
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