नई दिल्ली: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के मेंबर जफरयाब जिलानी ने अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद पर सवाल खड़े किए हैं. दरअसल उन्होंने इस मस्जिद को शरियत (इस्लामी कानून) के खिलाफ बताया है. बता दें कि जिलानी बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक भी रहे हैं. 


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जिलानी ने कहा, "वक्फ अधिनियम के तहत मस्जिद या मस्जिद की ज़मीन किसी दूसरी चीज़ के बदले में नहीं ली जा सकती. अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद इस कानून का उल्लंघन करती है. यह शरियत कानून का उल्लंघन करती है क्योंकि वक्फ अधिनियम शरियत पर आधारित है." 


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वहीं एक अन्य खबर के मुताबिक AIMPLB के दूसरे मेंबर ने कहा,"हमनें मस्जिद के लिए किसी और जगह पर जमीन के प्रपोज़ल को खारिज किया था. क्योंकि हम मालिकाना हक का केस हार गए और इसलिये हमें मस्जिद के लिए जमीन नहीं चाहिए." इतना ही नहीं उन्होंने यह तक कह दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड सरकार के दबाव में काम कर रहा है.



हालांकि इस सब पर अयोध्या मस्जिद के लिए बनाई गए ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन का कहना है कि हर कोई शरियत की व्याख्या अपने हिसाब करता है. अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद यह ज़मीन अलाट की गई है, इसलिए यह गैर कानूनी नहीं है. 


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बता दें कि पिछले शनिवार को ही धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद, अस्पातल और अन्य चीज़ों को आखिरी शक्ल दे दी गई है. लखनऊ में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने प्रेस कांफ्रेंस कर मस्जिद के अलावा दूसरी इमारतों का नक्शा आम किया था. 


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