AIUDF On Assam Child Marriage: असम में बाल विवाह के ख़िलाफ़ बड़ी मुहिम चलाई जा रही हैं. इस मामले में कार्रवाई करते कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया जा चुका है. असम सरकार के इस एक्शन को बाल विवाह के ख़िलाफ़ अन्य रियासतों की तुलना में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF)के चीफ़, मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने असम सरकार को घेरते हुए इस अभियान पर कई सवाल उठाए. एमपी बदरुद्दीन अजमल ने पुलिस की इस पूरी कार्रवाई को सवालों के घेरे में लेते हुए कहा कि यह पूरी तरह मुस्लिम मुख़ालिफ मुहिम है.


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असम सरकार की मुस्लिम मुख़ालिफ मुहिम: बदरुद्दीन अजमल 
एआईयूडीएफ चीफ़ ने कहा कि, "शादी 18 साल से पहले नहीं हो, हम भी इसकी हिमायत नहीं करते, लेकिन इसके ख़िलाफ असम सरकार का यह तरीक़ा बिल्कुल भी सही नहीं हैं,बल्कि हर लिहाज़ से ये मुस्लिम विरधी है." उन्होंने यह भी कहा कि इसके तहत गिरफ्तार लोगों में 90 फीसद तादाद मुसलमानों की ही होंगी. इस मौक़े पर मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने भाजपा पर मज़हब की बुनियाद पर बंटवारा करने का इल्ज़ाम लगाया. 'बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि जल्द ही चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में मुल्क के अहम मुद्दों से तवज्जे हटाकर बीजेपी मुल्क के हिंदू और मुसलमानों को तक़सीम करने की कोशिश में लग गई है.


ऑपरेशन के नाम पर एक प्लान:AIUDF
एआईयूडीएफ पार्टी के महासचिव अमीनुल इस्लाम ने कहा कि असम में बाल विवाह के ख़िलाफ़ सरकार का क़दम सीआरपीसी 468 की ख़िलाफ़वर्ज़ी है. असम विधानसभा में विरोधी दल एआईयूडीएफ ने बाल विवाह प्रतिरोध पर चल रही हिमांता सरकार की पॉलिसी पर सवाल उठाए. उन्होंने दावा किया कि देश की आम समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए हिमांता बिस्वा शर्मा ने इस ऑपरेशन के नाम पर एक प्लान किया है.



यह है मामला
दरअसल 23 जनवरी को असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की अगुवाई में असम कैबिनेट ने बाल विवाह के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को लेकर अहम फैसला किया था. सीएम ने बाल विवाह को घिनौना और माफ न किए जाने वाला अपराध बताते हुए इसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की बात कही थी. साथ ही कुछ बदलाव करते हुए 14 साल से कम आयु में लड़की की शादी करने के मामले में पॉक्सो एक्ट लगाने को हरी झंडी दी गई.


 


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