Ajmer: दुष्कर्म पीड़ित छात्रा का स्कूल ने पहले काटा नाम फिर रोका एडमिट कार्ड; कहा- हमारा नाम हो रहा खराब !
Ajmer News: अजमेर में बलात्कार पीड़िता दोहरी मार से गुजर रही है. पहले दरिंदों ने उसे अपनी हवस का निशाना बनाया, फिर स्कूल प्रशासन ने ये कहते हुए उसका नाम काट दिया कि, स्कूल का माहौल खराब हो रहा है. पढ़िए, पूरी खबर.
Ajmer School Cut Name Rape Victim Student: अजमेर में सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता एक स्कूली छात्रा के साथ स्कूल प्रशासन की तरफ से मानवीय संवेदनाओं को चीर कर रख देने वाली घटना सामने आई है. दरअसल, गैंग रेप पीड़िता को स्कूल इंतेजामिया ने घटना के बाद स्कूल आने से न सिर्फ मना कर दिया बल्कि उसको बोर्ड एग्जाम में बैठने के लिए एंट्री कार्ड भी नहीं दिया. अपने साथ हुए इस दोहरे हादसे से परेशान पीड़िता ने बाल कल्याण समिति को इस सिलसिले में एक खत लिखा. छात्रा के साथ पिछले साल अक्टूबर महीने में गैंग रेप की घटना हुई थी. जिसके बाद गूगल थाने में केस भी दर्ज कराया गया था.
बचाव में उतरी बाल कल्याण समिति
लेकिन पीड़िता की परेशानी उस मसय और बढ़ गई जब घटना के बाद स्कूल की टीचर्स ने उसे स्कूल आने से यह कहते हुए मना कर दिया कि उसके स्कूल आने से माहौल खराब होगा. टीचर्स ने ये भी कहा कि, वह स्कूल ना आए और एग्जाम के समय उसे बुला लिया जाएगा. 4 महीने बाद जब बोर्ड एग्जाम शुरू होने वाले थे, तब पीड़िता को बोर्ड एग्जाम का प्रवेश पत्र भी नहीं दिया गया. मामले की संजीदगी को देखते हुए बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन अंजली शर्मा ने फौरन इस सिलसिलं में नोटिस लिया. उन्होनें जिला शिक्षा अधिकारी को खत लिखकर स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही पीड़िता के शैक्षणिक सत्र खराब ना होने की बात कही.
"बच्ची का साल न हो बर्बाद"
साथ ही खत की एक कॉपी जिला कलेक्टर को भी सौंपी गई है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी बाल कल्याण समिति बातचीत कर रही है और पीड़िता को हर मुमकिनमदद उपलब्ध करवाई जा रही है. हालांकि अब बोर्ड के एग्जाम खत्म हो गए है. लेकिन बाल कल्याण समिति लगातार ये कोशिश कर रही है कि बोर्ड की सप्लीमेंट्री परीक्षाओं के दौरान पीड़िता को बैठने की इजाजत मिल सके. बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा ने बताया कि जब हमने स्कूल से नाम काटने के बारे में प्रिंसिपल से पूछा तो उन्होंने कहा कि बच्ची 4 माह से स्कूल नहीं आ रही थी. समिती ने कहा कि बच्ची पढ़ना चाहती है और हमारी पूरी कोशिश है कि उसका साल बर्बाद न हो.
रिपोर्ट:अभिजीत दवे