नई दिल्लीः पंजाब में आप सरकार द्वारा 400 लोगों की सुरक्षा हटाए जाने के एक दिन बाद ही सिंगर सिद्धू मोशेवाला की हत्या के बाद  सरकार ने दोबारा वीआपी सुरक्षा बहाल करना शुरू कर दिया है. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ((Jathedar Gyani Harpreet Singh) ) को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा (Z category security) फराहम की है. केंद्र सरकार ने उन्हें ये सुरक्षा कवर इसलिए प्रदान की है क्योंकि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने राज्य सरकार की सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया था. अफसरों ने शुक्रवार को बताया कि सिख धर्मगुरु को देश की दूसरी सर्वोच्च श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला बढ़ते खतरे को देखते हुए लिया गया था. सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के कमांडो उनकी सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे. 

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16 से 20 सशस्त्र कमांडो 24 घंटे सुरक्षा में रहेंगे तैनात 
अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च संस्था है और जत्थेदार इसके प्रमुख होते हैं. अकाल तख्त जत्थेदार उन 400 से ज्यादा लोगों में से एक थे जिनकी सुरक्षा पंजाब में नवगठित आप सरकार द्वारा वापस ले ली गई थी. हालांकि बाद में उनकी सुरक्षा बहाल कर दी गई, लेकिन जत्थेदार ने फिर से राज्य सरकार की सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि उन्हें अब केंद्र सरकार के सीआरपीएफ कमांडो की सुरक्षा प्रदान की गई है. ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा के तहत 16 से 20 सशस्त्र कमांडो पालियों में व्यक्ति के साथ 24 घंटे सुरक्षा में तैनात रहते हैं. जब वह सड़क मार्ग से यात्रा करेंगे तो उन्हें एक एस्कॉर्ट और एक पायलट वाहन भी उपलब्ध कराया जाएगा.


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