SP नेता आज़म ख़ान की बढ़ीं मुश्किलें; BJP ने सपा ऑफ़िस दारुल अवाम पर की कार्रवाई की मांग
Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री आज़म ख़ान एक बार फिर नए विवाद में घिरते नज़र आ रहे हैं. बीजेपी ने रामपुर में समाजवादी पार्टी के ज़िला दफ़्तर दारुल अवाम को सरकारी ज़मीन पर चलाने का इल्ज़ाम लगाया है.
Azam Khan Controversy: समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री आज़म ख़ान की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही हैं. रामपुर में आज़म ख़ान के समाजवादी पार्टी के दफ़्तर दारुल अवाम पर भी कार्रवाई करने का मुतालबा तूल पकड़ता जा रहा है. इल्ज़ाम है कि रामपुर में जिस जगह से समाजवादी पार्टी का ज़िला दफ़्तर दारुल अवाम चलाया जा रहा है वह सरकारी ज़मीन पर बना है. एसपी लीडर ने उसे साल 2012 में अपनी मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का ऑफ़िस खोलने के लिए 100 रुपये साल के हिसाब से 30 बरसों के लिए लीज़ पर सरकार से लिया था. अब इल्ज़ाम लगाया गया है कि आज़म ख़ान ट्रस्ट के नाम पर पार्टी ऑफ़िस चला रहे हैं.
आज़म ख़ान की परेशानी को बढ़ाते हुए बीजेपी के एमएलए आकाश सक्सेना ने इसकी शिकायत राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ से की है. उनका इल्ज़ाम है कि लीज़ की शर्तों को ताक़ पर रखते हुए आज़म ख़ान के द्वारा सरकारी ज़मीन पर समाजवादी पार्टी का दफ़्तर चलाया जा रहा है. आकाश सक्सेना ने सीएम से मांग है कि इसकी लीज़ कैंसिल करके ज़मीन प्रशासन को अपने क़ब्ज़े में ले लेनी चाहिए. बीजेपी एमएलए की शिकायत पर ज़िला प्रशासन ने जांच भी शुरू कर दी है. रामपुर ज़िला प्रशासन के मुताबिक मामले की छानबीन की जा रही है और सबूतों की बुनियाद पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
आज़म ख़ान के मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को यह ज़मीन यूनिवर्सिटी बनाने और उसका दफ़्तर बनाने के लिए दी गई थी, लेकिन बीजेपी एमएलए का इल्ज़ाम है कि सपा नेता लगातार यहां से अपनी पार्टी की सियासी गतिविधियां को अंजाम रहे हैं और इसका इस्तेमाल समाजवादी पार्टी के ज़िला दफ़्तर के तौर पर कर रहे हैं जो क़ानून की खुलेआम ख़िलाफ़वर्ज़ी है. इसलिए यह लीज़ कैंसिल होनी चाहिए और आज़म ख़ान पर सरकारी ज़मीन का ग़लत इस्तेमाल करने के लिए सख़्त क़दम उठाना चाहिए. बता दें कि वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के सत्ता में आते ही आज़म ख़ान ने यह ज़मीन लीज़ पर ली थी.
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