Akhilesh Yadav on Sambhal Violence: संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों ने पुलिस पर संगीन इल्जाम लगाए हैं. परिजनों का दावा है कि पुलिस द्वारा मीडिया में बयान नहीं देने की धमकी दी गई है. इतना ही नहीं, पुलिस पर मारे गए लोगों के परिजनों से कोरे कागज पर भी दस्तखत कराने का इल्जाम है. हालांकि, पुलिस इन इल्जामों को खारिज कर रही है. इस बीच अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है.


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अखिलेश यादव ने की ये मांग
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से संभल हिंसा में मारे गये एक शख्स के भाई को पुलिस द्वारा मीडिया में बयान नहीं देने की धमकी देते हुए उससे कोरे कागज पर दस्तखत कराने के आरोपों पर संज्ञान लेने की गुजारिश की. अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिये सुप्रीम कोर्ट से मामले में दखल देने की गुजारिश करते हुए एक खबर की कॉपी भी संलग्न की.


पुलिस पर लगे संगीन इल्जाम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संभल हिंसा के दौरान मारे गए नईम नाम के व्यक्ति के भाई तस्लीम ने इल्जाम लगाया कि पुलिस ने मीडिया में बयान नहीं देने की धमकी देते हुए उससे कोरे कागज पर अंगूठे का निशान लिया. तस्लीम ने इल्जाम लगाया कि वह अनपढ़ है और उसे नहीं पता था कि पुलिस उस कोरे कागज पर क्या लिखेगी, जिस पर उससे अंगूठा लगवाया गया है.


अखिलेश यादव ने क्या कहा?
यादव ने कहा, “किसी को धमकाकर कोरे कागज पर अंगूठा लगवाना भी गुनाह है. माननीय सुप्रीम कोर्ट तत्काल संज्ञान ले और दोषी शासन-प्रशासन के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कर इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी को सजा दे.” उन्होंने कहा, “न्याय का मान न्यायालय ही सुनिश्चित करेगा.” पुलिस ने यादव के आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. 


पांच लोगों की हत्या
संभल नगर के कोट पूर्वी मुहल्ले में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसक झड़प में नईम, बिलाल, नोमान और कैफ नामक युवकों की मौत हो गई थी. हिंसा में मारा गया नईम मिठाई की दुकान करता था तो वहीं हयातनगर थाना क्षेत्र का रहने वाला बिलाल स्थानीय सुपरमार्केट में कपड़े की दुकान में काम करता था और नखासा थाना क्षेत्र का रहने वाला कैफ साप्ताहिक बाजार में सौंदर्य प्रसाधन का सामान बेचता था. 


पुलिस ने की है हत्या- पीड़ित
नईम के भाई तसलीम ने बताया, “जब यह घटना हुई तब वह (नईम) किराने का सामान लेने गया था. उसे घटना के बारे में पता भी नहीं चला. पुलिस ने उसे मार डाला.” नईम के दो बेटे और दो बेटियां हैं. संभल में अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद का पहली बार सर्वे होने के बाद से ही संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई थी. अदालत ने जिस याचिका पर सर्वे का आदेश दिया उसमें दावा किया गया था कि जिस जगह जामा मस्जिद है, उसी स्थान पर पहले कभी हरिहर मंदिर था. 


क्या है पूरा मामला
रविवार को सर्वेक्षण दल के दोबारा काम पर लौटने पर बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के पास एकत्र हुए और नारेबाजी करने लगे, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी. भीड़ ने वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई जबकि सुरक्षाकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत करीब 25 लोग घायल हुए. पुलिस ने इस मामले में अब तक सात मुकदमे दर्ज कर 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और पार्टी के क्षेत्रीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है.