Akola School Case: 4 महीने से स्टूडेंट्स का यौन शोषण कर रहा था टीचर, दिखाया था पोर्न
Akola Case: महाराष्ट्र के अकोला से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक टीचर छात्राओं को पोर्न दिया करता था और फिर उन्हें गलत तरीके से छूता था. पूरी खबर पढ़ें.
Akola Case: ठाणे के बदलापुर के बाद अब महाराष्ट्र क अकोला का एक मामला सुर्खियों में आ गया है. जहां, एक 42 साल के स्कूल टीचर ने ऐसी ओछी हरकत की है कि पूरा इलाका गुस्से से भरा हुआ है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है, आरोप है कि वह क्लास 8 की छात्राओं को पोर्न वीडियो दिखाया करता था.
चार महीने से कर रहा था सेक्शुअल असॉल्ट
आरोपी शिक्षक प्रमोद सरदार अकोला शहर से 40 किलोमीटर दूर बालापुर तालुका के काजीखेड़ा गांव में जिला परिषद स्कूल परिसर में पढ़ाता था, जहां वह चार महीने से अपने छात्रों का यौन शोषण कर रहा था. लड़कियों के जरिए दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, सरदार उन्हें अपने मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाता था और फिर उन्हें गलत तरीके से छूता था.
कैसे सामने आया मामला?
यह मामला तब सामने आया जब चाइल्ड हेल्पलाइन को एक स्कूल टीचर के बारे में शिकायत मिली. हालांकि शिकायतकर्ता की पहचान उजागर नहीं की गई, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पीड़ित लड़कियों ने 1098 हेल्पलाइन पर डायल करने की हिम्मत जुटाई थी.
CWC ने की स्टूडेंट्स से बातचीत
चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद, बाल कल्याण समिति के मेंबर्स ने मंगलवार को स्कूल का दौरा किया. अपने दौरे का मकसद न बताते हुए, CWC सदस्यों ने स्कूल में एक घंटे का सेशन आयोजित किया और प्रिंसिपल से कहा कि वे कक्षा 8 की लड़कियों से व्यक्तिगत रूप से बात करना चाहते हैं. इस बातचीत के दौरान लड़कियों ने बताया कि पिछले चार महीनों से वे किस तरह के मानसिक आघात से गुज़र रही हैं. सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने तुरंत पुलिस को बुलाया.
पुलिस ने इस मसले में क्या कहा?
उरल पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर गोपाल ढोले ने कहा, "हमें सीडब्ल्यूसी के एक मेंबर से फोन आया और हमने पुलिस टीम को स्कूल भेजा और किशोर लड़कियों के बयान दर्ज किए. शिक्षक प्रमोद सरदार उन्हें अश्लील तस्वीरें दिखाता था और उन्हें अनुचित तरीके से छूता था. हमने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और उसके खिलाफ बीएनएस और पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है."
स्कूल के प्रिंसिपल
स्कूल के प्रिंसिपल रवींद्र समदुर ने कहा कि वे सदमे में हैं. "अगर मुझे इस बारे में पता होता, तो मैं सबसे पहले कार्रवाई करता. जब सीडब्ल्यूसी की टीम हमारे स्कूल आई और लड़कियों से बात की, तब हमें इस अपराध के बारे में पता चला." सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने मीडिया से बात नहीं की.