सरफराज वारसी/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में मौजूद एक स्कूल में मुस्लिम बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश में सियासत गर्मा गई है. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और असदुद्दीन ओवैसी समेत तमाम नेताओं ने यूपी सरकार को इस पर घेरा है. सरकार ने भी पूरे मामले की जांच करने की बात कही है. वहीं इसे लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली का भी बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में जिस तरह से महिला टीचर बच्चों को पढ़ा रही है, अगर इस तरीके से पढ़ाई कराई जाएगी, तो खुद सोच सकते हैं कि हम किस तरीके का मुस्तकबिल तैयार कर रहे हैं. यह सभी मजहब और देश के लिए बेहद खतरनाक है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मौलाना फिरंगी महली ने कहा कि हमें तालीम के साथ रसूमात की भी जरूरत है. किस तरह से टीचर की ट्रेनिंग हो और किस तरह से टीचर सही तौर पर बच्चों को पढ़ाएं, हमें इस तरफ तवज्जो देना पड़ेगा. जिससे बच्चों तक अच्छी तालीम और रसूमात पहुंच सके. तालीम के साथ बच्चों के बीच मजहब की दीवार न खड़ी हो. आपस में प्यार पैदा हो.


वहीं मुस्लिम पसमांदा समाज को लेकर भाजपा की सियासत पर भी फिरंगी महली ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि मुसलमानों में ऊंच और नीच का कोई भी फर्क नहीं किया जाता. इस्लाम में सभी इंसान को एक तरह का माना गया है. सभी को बराबरी का हक हासिल है. इसलिए यह कहना कि किसी काम में कोई ऊंचा है और कोई नीचा, इसकी इजाजत न तो हमें कोई मजहब देता है और ना ही हमारा संविधान. उन्होंने कहा कि मुस्लिम वोट डालकर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का जरूर इस्तेमाल करें. कौन मुस्लिम किसको वोट करेगा या कोई भी तय नहीं कर सकता.


ख्याल रहे कि बीते दिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक टीचर के कहने पर दूसरे बच्चे एक मुस्लिम बच्चे को बारी-बारी करके पीट रहे थे. बताया जा रहा है कि मुस्लिम बच्चे को पहाड़ा नहीं याद था जिसके लिए उसे बच्चों से पिटवाया गया. इस मामले पर पुलिस ने संज्ञान लिया है. पुलिस और महकमा तालीम इस पर कार्रवाई कर रहा है.