Ambedkar Jayanti: बाबा साहेब की मूर्ति लगाने को लेकर राजस्थान में बवाल, धरने पर बैठा जाट समुदाय
Ambedkar Jayanti: राजस्थान के भरतपुर में दो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने को लेकर दो समुदायों में पथराव और आंगनी जैसे घटना पेश आई है. यहां जाट समुदाय ने इलाके के अहम चौराहे पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर साहब की मूर्ति लगने का विरोध किया है.
Ambedkar Jayanti: राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर (Br Ambedkar) की मूर्ति लगाने को लेकर दो समुदायों में बुधवार रात झड़प हो गई. हजारों की तादाद में लोग यहां इकट्ठा हो गए और एक दूसरे पर पथराव भी किया. यह घटना नदबई विधानसभा सीट के तहत आने वाले बेलारा गांव में हुई. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने राजमार्ग को भी जाम कर दिया.
मामला की शुरुआत तब हुई जब भरतपुर प्रशासन ने उक्त विधानसभा क्षेत्र के अंदर डॉ भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने का फैसला लिया. हालांकि प्रशासन के इस कदम का जाट समुदाय ने जमकर विरोध किया. जाट समुदाय चाहता है कि इस जगह पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगे. इसी तनातनी को लेकर दोनों समुदाय के लोगों में बहस हुई और यही बहस आगे चलकर पथराव और आगजनी की घटना में बदल गई.
हालांकि प्रशासन ने सिर्फ डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाई जा रही बल्कि 2 अन्य महापुरुषों की मूर्ति लगाई जा रही थी. तीन अलग-अलग चौराहों पर प्रशासन ने महाराजा सूरजमल, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने का फैसला लिया था. लेकिन लोगों का कहना है कि नदबई का अहम चौराहा बैलारा है. ऐसे में यहां पर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति की बजाए महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाए जाए.
9 अप्रैल को जाट समुदाय के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने बैलारा चौराहे पर सूरजमल की प्रतिमा लगाने की मांग की. कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के ज़रिए उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन देने के बाद 10 अप्रैल को धरना वापस ले लिया गया था. हालांकि, तनाव तब बढ़ गया जब जाट समुदाय के लोगों को पता चला कि विश्वेंद्र सिंह ने बुधवार शाम नदबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ऐलान किया कि बैलारा चौराहा में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
नदबई अनुमंडल पदाधिकारी जोगेंद्र सिंह ने कहा कि गुस्से में आए लोगों को शांत करने की कोशिश की जा रही है. नदबई पंचायत कमेटी के उप प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा, "हमें किसी जाति से ईर्ष्या नहीं है, लेकिन हम मुख्य चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति की मांग कर रहे हैं.
ZEE SALAAM LIVE TV