नई दिल्ली: अमेरिकी राजदूत रशद हुसैन ने भारत में नरसंहार का खतरा जताया है. उन्होने अपने बयान के दौरान भारत के खिलाफ काफी जहर उगला है. उन्होंने इस दौरान भारत में हुईं कई घटनाओं का जिक्र किया. रशद हुसैन का कहना है कि अर्ली वॉर्निंग प्रोजेक्ट ने आज भारत को उन देशों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां सामूहिक नरसंहार का काफी खतरा है. उन्होंने अपने बयान के दौरान कहा कि इस मामले को लेकर अमेरिका भारत से राबता कर रहा है.


इन मामलों का दिया हवाला


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजदूत रशद हुसैन ने अपने बयान के दौरान सीएए प्रोटेस्ट और नरसंहार के खुले आह्वानों का हवाला दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत में भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार खतरे में हैं. उन्होने कहा कि भारत में चर्च पर हमले हुए, घरों को तोड़ा गया और हिजाब पर प्रतिबंध लगया गया. उन्होंने कहा कि हमने भारत में ऐसी बयानबाज़ी देखी दो लोगों के बीच नफरत पैदा करती है.  रशद हुसैन कहते हैं कि एक मंत्री ने तो मुसलमानों को दीमक तक बता दिया.


समाज में सभी के अधिकार सुरक्षित होना जरूरी


रशद कहते हैं कि किसी भी समाज को अपनी क्षमता के मुताबिक जीने के लिए सभी लोगों के अधिकार महफूज होने ज़रूरी हैं. आपको बता दें हुसैन के कार्यालय ने हालही ही में एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में धार्मिक स्थलों और लोगों पर हमलों को लेकर फिक्र जाहिर की गई है. इस रिपोर्ट को अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जारी किया था.


भारत ने रिपोर्ट को किया खारिज


भारत ने धार्मिक आजादी को लेकर जारी की गई इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है और कहा है कि अधिकारियों के ज़रिए की गई टिप्पणियां सही नहीं है. इसक अलावा भारत ने अमेरिका के अनुरोध किया है कि वह पक्षपाती विचारों के आधार पर आंकलन ना करें.


Zee Salaam Live TV