नई दिल्लीः जल संरक्षण को बढ़ावा देने पर लिखी गई पुस्तक  ‘माउंट एवरेस्टः एक्सपीरियंस द जर्नी' का मंगलवार को दलाई लामा ने धर्मशाला में विमोचन किया. यह पुस्तक आईएएस अधिकारी रविन्द्र कुमार की हिमालय यात्रा पर आधारित है, जिन्होंने जल संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी. खास बात यह है कि इस पुस्तक की प्रस्तावना भी दलाई लामा ने खिली है.  
उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रविन्द्र कुमार, नेपाल (दक्षिण की ओर) और तिब्बत (उत्तर की ओर) के दो अलग-अलग मार्गों से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले चंद भारतीयों में से एक हैं.
लेखक रविंद्र कुमार ने ने दुनिया के सर्वोच्च शिखर से भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान और नमामि गंगे जैसे प्रमुख कार्यक्रमों को माउंट एवरेस्ट की चोटी तक पहुँचाया और इन कार्यक्रमों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाकर इसे जमीनी स्तर तक पहुँचाने का प्रयास किया है. 
पुस्तक का प्रकाशन ब्लूम्सबरी इण्डिया, नई दिल्ली ने किया है. इसमें एवरेस्ट अभियान पर बनी एक लघु वृत्तचित्र फिल्म के लिए बार कोड स्कैन भी डाले गए हैं, जिसे कोई भी व्यक्ति स्मार्टफोन  से स्कैन करके लघु फ़िल्म देख सकता है. साथ ही उक्त पुस्तक में रेज़्ड यूवी, एम्बॉसिंग, जैसी कई विशेषताएं शामिल हैं, जो इसे सामान्य पुस्तक के मुक़ाबले बेहतर गुणवत्ता देती है और आकर्षक बनाती है.
यह फोटोग्राफिक यात्रा वृत्तांत आपको लेखक रविन्द्र कुमार द्वारा किए गए सिक्किम, नेपाल, लद्दाख और तिब्बत में हिमालय के कई आकर्षक स्थानों की यात्रा पर ले जाता है. इसके अलावा, यह समृद्ध जैव विविधता और रास्ते में विद्यमान सांस्कृतिक जीवंतता के साथ सुरम्य पहाड़ों और आश्चर्यजनक परिदृश्यों की झलक प्रदान करता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'लेखक के बारे में’
रविन्द्र कुमार का जन्म और पालन-पोषण बिहार के बेगूसराय जिले के गंगा के मैदानी इलाक़े में हुआ है. उन्होंने 2002 में नॉटिकल साइंस में स्नातक किया और इटली की एक शिपिंग कंपनी, फिनावल स्पा ज्वाइन की. उन्होंने 2002 से 2008 तक इस कंपनी में मर्चेंट नेवल ऑफिसर के रूप में काम किया, जिसके दौरान उन्हें 2007 में मुख्य अधिकारी  ( चीफ़ ऑफ़िसर) के पद पर पदोन्नत किया गया. उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए 2009 में दिल्ली चले गए. सितंबर 2011 में वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हो गए. रविन्द्र कुमार ने ‘मेनी एवरेस्टः एन इंस्पायरिंग जर्नी ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग ड्रीम्स इनटू रियलिटी’ नामक पुस्तक लिखा है.उन्होंने इसे हिंदी में ‘एवरेस्टः सपनों की उड़ानः सिफर से शिखर तक’ नाम से प्रकाशित किया, जिसे 2020 में ‘अमृत लाल नगर पुरस्कार’ और 2021 में ‘सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था.


Zee Salaam