ASER 2023: शिक्षा की वार्षिक स्थिति रिपोर्ट (Annual Status of Education Report) 2023 से पता चला है कि लड़कों  के मुकाबले में ऐसी लड़कियों की तादाद ज्यादा है जो 12वीं क्लास के बाद अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं. ये रिपोर्ट एक सर्वे की बुनियाद पर आधारित है. सर्वे में पाया गया कि इस प्रवृत्ति के पीछे कई वजहें शामिल हैं. दरअसल, लड़कियों का यह भरोसा होता है कि एजुकेशन हासिल करके वो एक बेहतर गृहिणी तौर पर अपना जीवन गुजार सकती हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि आम तौर पर, लड़के इन फैसले को लेने या कम से कम आकार देने में सक्षम थे. अगर, उन्हें आगे की पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी, तो वे अपने परिवार की प्राथमिकताओं की परवाह किए बिना पढ़ाई छोड़ सकते थे.


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लड़कियों के मामले में ये फैसले अकसर उनके हाथ में नहीं होते. रिपोर्ट में कहा गया कि ASER 2023 सर्वे के निष्कर्षों में लड़कियों के मुकाबले में लड़कों का एक बड़ा हिस्सा 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई नहीं करना चाहता है. बातचीत के दौरान, लड़कियों ने कम से कम ग्रेजुएशन तक पढ़ाई करने की ख्वाहिश जाहिर की, जबकि लड़कों ने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद एजुकेशन बंद करने की संभावना के बारे में बात की. रिपोर्ट में कहा गया कि लड़कियों के बीच, शादी की सही उम्र के संबंध में बदलते सामाजिक पैमानों, नौजवान महिलाओं की आगे की पढ़ाई करने की क्षमता के प्रमुख कारक के तौर पर उजागर हुए हैं.



ज्यादातर लड़कियों ने इस बारे में बात की कि कैसे उन्हें सिर्फ 21 या 22 साल की उम्र में शादी करने की उम्मीद है, ताकि उन्हें तब तक पढ़ाई जारी रखने का वक्त मिल सके. रिपोर्ट में कहा गया है कि, भले ही शादी की सही उम्र में इस कथित वृद्धि ने उच्चतर माध्यमिक और कॉलेज स्तर की पढ़ाई को इन लड़कियों के लिए सामाजिक तौर से स्वीकार्य मार्ग बना दिया, लेकिन हायर एजुकेशन, रोजगार बाजार के लिए बेहतर रूप से खुद को तैयार करने से शायद ही जुड़ी थी. Aser 2023 'बियॉन्ड बेसिक' सर्वे 26 राज्यों के 28 जिलों में कराया गया था, जिसमें 14-18 साल की उम्र के कुल 34,745 युवा शामिल हुए.