नई दिल्ली:  जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर से विवादों में है ... वजह है रात के अंधेरें में लिखे गए वो नारे जिनसे बवाल हो गया. दरअसल गुरुवार की रात को किसी ने ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- II’ के सेकेंड और थर्ड फ्लोर की दीवारों पर ब्राह्मणों के खिलाफ नारे लिख दिए. जिसमें 'ब्राह्मण परिसर छोड़ो', 'रक्तपात होगा', 'ब्राह्मण भारत छोड़ो' और 'ब्राह्मणों और बनिया, हम तुम्हारे पास बदला लेने आ रहे हैं' जैसे नारे दीवारों पर लिखे गए. जिसके विरोध में जेएनयू छात्र यूनियन और शिक्षक संघ ने मामले में जांच की मांग की है.  


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निष्पक्ष जांच की मांग 
शुक्रवार को स्टूडेंट यूनियन-टीचर एसोसिएशन ने स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की. साथ ही उन्होने ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- II’ की इमारत की उन दीवारों को तोड़े जाने की मांग की. जिन दीवारों पर नारों में ब्राह्मण और बनिया समुदाय के लोगों से यूनिवर्सिटी और देश छोड़ने को कहा गया. जेएनयू टीचर एसोसिएशन ने इस घटना की कड़े शब्दो में निंदा की. और कहा कि, यह विविधता की भावना और सभी विचारों को जगह देने के जेएनयू के मूल लोकाचार का उल्लंघन करता है. शिक्षक संघ ने यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से फौरन इस मामले की जांच शुरू करने, दोषियों की पहचान करने और विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.


स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड ग्रीवेंस कमेटी करेगी जांच
जिस पर जेएनयू प्रशासन ने कहा कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. प्रशासन ने कहा कि ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड ग्रीवेंस कमेटी' को जांच करने और जल्द से जल्द कुलपति शांतिश्री डी पंडित को एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया कि विश्वविद्यालय में इस तरह की हरकत पहली बार नहीं हुई है। जेएनयूएसयू ने बयान में कहा, "इसका मकसद परिसर के माहौल को खराब कर सामान्य स्थिति को बिगाड़ना है. बताते चले कि, इससे पहले भी जेएनयू में कई बार बड़े बवाल खड़ा हुआ है. इस दौरान कुछ मौकों पर हिंसा भी देखने को मिली. लिहाज़ा यूनिवर्सिटी का माहौल संवेदनशील रहता है. और अब इस नए विवाद की वजह से यूनिवर्सिटी में तनाव बढ़ गया है.


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