केन्द्रीय मंत्री प्रामाणिक के खिलाफ गहना चोरी के एक पुराने मामले में गिरफ्तारी वारंट हुआ जारी
Arrest warrant against Union minister Nisith Pramanik in jewellery theft case: अलीपुरद्वार रेलवे स्टेशन और बिरपारा के पास स्थित जेवरों की दुकानों में 2009 में चोरी की बाद निशिथ प्रामाणिक के खिलाफ चेरी का मुकदमा दर्ज किया गया था.
अलीपुरद्वारः पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार के एक कोर्ट ने 13 साल पहले जेवर की दो दुकानों में हुई चोरियों (thefts in jewellery stores) के मामले में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रामाणिक (Union minister Nisith Pramanik) के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. मुकदमे की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में हुई और गिरफ्तारी वारंट जब जारी किया गया उस वक्त इस भाजपा सांसद और मंत्री प्रामाणिक की तरफ से कोई वकील कोर्ट में मौजूद नहीं था. मंत्री के साथ-साथ एक दूसरे मुल्जिम के खिलाफ भी 11 नवंबर को वारंट जारी किया गया है. इस मामले में प्रामाणिक के वकील दुलाल घोष ने हालांकि अपने अगले कानूनी कदम के बारे में नहीं बताया है.
एमपी/एमएलए अदालत से ट्रांसफर हुआ है केस
गौरतलब है कि अलीपुरद्वार रेलवे स्टेशन और बिरपारा के पास स्थित जेवरों की दुकानों में 2009 में चोरी हुई थी. सरकारी वकील जे. मजूमदार ने बुधवार को बताया कि कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर उत्तरी 24 परगना जिले के ‘एमपी/एमएलए’ अदालत से इस मुकदमे को अलीपुरद्वार अदालत में ट्रांस्फर किया गया है. उत्तर बंगाल में बांग्लादेश की सीमा से सटे दिनहाटा कस्बे के रहने वाले प्रामाणिक 2019 में पहली बार लोकसभा के लिए सांसद चुने गए थे. वह फरवरी, 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे और इससे पहले वह तृणमूल कांग्रेस में थे, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों के इल्जाम में उन्हें टीएमसी से बाहर कर दिया गया था. इस मामले में अलीपुरद्वार के पुलिस अधीक्षक ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है.
बांग्लादेशी नागरिक होने का लग चुका है इल्जाम
उल्लेखनीय है कि इससे पहले जब निशिथ प्रामाणिक संसद चुनकर आए थे और उन्हें सरकार में मंत्री बनाया गया था, उस वक्त राज्य सभा सदस्य और असम प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रिपुण बोरा ने दावा किया था कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशिथ प्रामाणिक एक बांग्लादेशी नागरिक हैं. उन्होंने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इसके बारे में जांच कराए जाने की मांग की थी. वहीं, इन इल्जामों के बाद प्रामाणिक के करीबी सूत्रों ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि मंत्री का जन्म, पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा भारत में ही हुई है.
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