Arvind Kejriwal आज देंगे अपने पद से इस्तीफा; कौन हो सकता है अगला सीएम?
Arvind Kejriwal Resignation: अरविंद केजरीवाल आज अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक वह शाम 4:30 बजे एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात करेंगे. हालांकि, इससे पहले AAP मीटिंग भी करेगी.
Arvind Kejriwal Resignation: अरविंद केजरीवाल आज अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक वह शाम 4:30 बजे एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात करेंगे. हालांकि, इससे पहले AAP मीटिंग भी करेगी. दिल्ली आबकारी नीति मामले में तिहाड़ जेल से रिहा होने के चार दिन बाद, आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल मंगलवार, 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. केजरीवाल ने जेल से निकलने के बाद इस बात का ऐलान किया था.
वीके सक्सेना को सौंपेगे इस्तीफा
अरविंद केजरीवाल दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं और अपने उत्तराधिकारी के नाम का प्रस्ताव भी दे सकते हैं. आप ने मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा करने के लिए कई बैठकें की हैं. बीते रोज भी इसी मसले को लेकर मीटिंग की गई थी.
अरविंद केजरीवाल की मीटिंग
अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी की पसंद के बारे में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा सहित कई सीनियर नेताओं से मुलाकात की थी.
कौन हो सकता है अगला सीएम?
रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली के मंत्री आतिशी, गोपाल राय, कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज टॉप पद की दौड़ में सबसे आगे हैं, इसके अलावा केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल के नाम पर भी विचार किया जा रहा है.
आज शाम सौंप देंगे इस्तीफा
अरविंद केजरीवाल आज मंगलवार को शाम 4:30 बजे उपराज्यपाल से मिलेंगे और संभवत: अपना इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कसम खाई है कि जब तक लोग उन्हें "ईमानदारी का सर्टिफिकेट" नहीं दे देते, तब तक वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. इससे पहले पार्टी 11:30 बजे एक लेजिस्लेटिव मीटिंग करने वाली है.
बीजेपी ने बोला हमला
बीजेपी ने कहा है कि केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला 'मजबूरी' के कारण लिया गया है, न कि 'सिद्धांत' की वजह से. ऐसी अटकलें हैं कि आप विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री पद के लिए किसी दलित या मुस्लिम विधायक को नामित कर सकती है, क्योंकि राज्य में 12 आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र और अल्पसंख्यक आबादी वाली कई सीटें हैं.