Asaduddin Owaisi News: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी अपने बयानों को लेकर जाने जाते हैं. वह बेबाक होकर बयान देते हैं, जिससे उनके विपक्षी भी घबराते हैं. अब असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्षी पार्टियों को ऐसा चैलेंज दे दिया है, जिसे शायद वह कभी न कर पाएं.  सोमवार को एक रैली के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को यह चैलेंज दिया है.


असदुद्दीन ओवैसी ने दिया क्या चैलेंज


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असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस और एनसीपी को चैलेंज दिया है कि वह मुसलमानों से वोट मांगते समय बाबरी मस्जिग का नाम लें. महाराष्ट्र में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए, ओवैसी ने कहा कि भारत में मुसलमान मस्जिदों की रक्षा करने के लिए बाध्य हैं और उन्हें सोचना चाहिए कि बाबरी मस्जिद "अभी भी मौजूद है".


ज्यू होलोकास्ट की तरह रखें याद


उन्होंने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हिटलर ने यहूदियों का नरसंहार किया था. ये  बात यहूदी आज तक नहीं भूले हैं, वह आज भी इस होलोकास्ट को याद रखते हैं. ओवैसी कहते हैं," "मुसलमानों को 6 दिसंबर 1992 को कभी नहीं भूलना चाहिए. उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि बाबरी मस्जिद अभी भी मौजूद है और रहेगी, अन्यथा एक और बाबरी (घटना) हो जाएगी. मुसलमानों को बाबरी को उसी तरह याद रखना चाहिए जैसे यहूदी नरसंहार को याद करते हैं."



ओवैसी बोले पार्टियों से पूछो यह बात


एआईएमआईएम अध्यक्ष, जो तेलंगाना के बाहर पार्टी के पदचिह्न को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने दर्शकों से सांप्रदायिक सद्भाव के लिए कांग्रेस, राकांपा और अन्य तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाने की गुजारिश की है. उन्होंने उनसे आग्रह किया कि जब ये पार्टियां वोट मांगने आएं तो एक ही सवाल पूछें: "क्या आप अपनी जुबान से बाबरी मस्जिद कह सकते हैं या नहीं?"


बता दें, 6 दिसंबर 1992 में हिंदू चरमपंथियों के जरिए अयोध्या में बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिया गया था. इस मामले में कई बड़े नेताओं पर भी आरोप लगे थे. ये बात साफ है कि असदुद्दीन ओवैसी बाबरी मस्जिद का जिक्र करते हुए मुसलमानों का वोट हासिल करना चाहते हैं और अपनी ओर उनका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं.


छत्रपति शिवाजी पर ओवैसी ने क्या कहा?


ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण का भाजपा में शामिल होना 'आरएसएस की असली टीम और भाजपा की बी टीम' पर रोशनी डालता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज "मुस्लिम विरोधी" नहीं थे, लेकिन संघ उन्हें "इस्लाम विरोधी" के तौर पर पेश करने की कोशिश करता है.