Asaduddin Owaisi on Eidgah: श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में कोर्ट ने सर्वे का ऑर्डर दिया था. जिसके बाद इस मामले में अब असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है. उन्होंने कोर्ट के आदेश पर सवाल खड़े किए हैं. आपको बता दें कोर्ट ने इस मामले में सर्वेक्षण की रिपोर्ट 20 जनवरी तक पेश करने का आदेश दिया है. ओवैसी का कहना है कि सर्वे लिए पूछना एक गलत आदेश है.


आरएसएस देश में देखना चाहती है 1980 और 1990 जैसा हाल


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सिविल कोर्ट ने 1991 के अधिनियम का उल्लंघन किया और मथुरा हाई कोर्ट के आदेश से असहमत हूं. ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी को हिंदू सेना और आरएसएस को रोकना चाहिए. ओवैसी ने कहा है कि बीजेपी और आरएसएस देश में 1980 और 1990 में जो नफरत की फिजाएं उठी थीं, वहीं वह माहौल देखना चाहते हैं. पीएम मोदी को हिंदू परिषद को रोकना चाहिए.


देखें वीडियो



प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का किया जिक्र


मीडिया से बातचीत के दौरान ओवैसी ने 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का जिक्र करते हुए कहा- प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट अभी भी पार्लियामेंट का एक कानून है. जिसमें कहा गया है कि 15 अगस्त 1947 के बाद बाबरी मस्जिद को छोड़कर जितने भी प्लेसेज ऑफ वर्शिप हैं फिर वह चाहे किसी भी धर्म के हों, उसे कोई भी डिसटर्ब नहीं करेगा.


लास्ट रिसोर्ट में सर्वे का आदेश होता है


असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि लीगल एक्सपर्ट्स का मानना ये है कि सिविल डिस्प्यूट में अगर कोई सर्वे होता होता है तो वह लास्ट रिसोर्ट होता है. आप पहले रिसोर्ट में ही सर्वे कर रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि ईदगाह के लोग इस गलत ऑर्डर के खिलाफ अपील करेंगे और कोर्ट इस मामले को देखेगा. आपको बता दें ओवैसी इस मामले को लेकर लगातार हमलावर हैं. इससे पहले उन्होंने मंदिर और मस्जिद के बीच हुए समझौते का भी जिक्र किया था.