झारखंड के दुमका में  23 अगस्त को शाहरुख नाम के एक युवक ने एकतरफा प्यार में 12वीं क्लास की एक छात्रा को ज़िंदा जलाकर मार डाला. हादसे में छात्रा 90 फीसद जल गई. पुलिस के मुताबिक हादसे के बाद छात्रा को रांची के रिम्स अस्पताल ले जाया गया. जहां लड़की ने दम तोड़ दिया.


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पुलिस के मुताबिक पिछले कुछ वक्त से युवक छात्रा को परेशान कर रहा था. प्रेम का प्रस्ताव ठुकराने पर युवक ने छात्रा को जान से मारने की धमकी भी दी थी. मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. इस घटना के बाद पूरे राज्य में आक्रोश है और हिंदू संगठन सड़कों पर उतर गए हैं. इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी  प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई और दोषी को सख्त सज़ा देने की मांग की है. 


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ओवैसी ने रखी ये मांग


असदुद्दीन ओवैसी ने अंकिता को ज़िंदा जलाए जाने के जुर्म की कड़ी निंदा की है. उनका कहना है कि इस केस की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत का गठन किया जाए. ओवैसी ने इस घटना को 'हैवानियत' कहा है. उन्होंने मीडिया से कहा,''मैं न केवल इस घटना की निंदा करता हूं, बल्कि झारखंड सरकार से इस मामले से सख्ती से निपटने की मांग भी करता हूं. यदि संभव हो तो इस मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत का गठन किया जाए. आरोपी को कानून के अनुसार कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.''


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नाबालिग है छात्रा


बता दें कि इस मामले की जांच के लिए SIT बनाई गई है. बताया जा रहा है कि अंकिता नाबालिग है इसलिए इस मामले में POCSO अधिनियम के तहत धाराएं लागू होती हैं. इससे पहले पुलिस ने अकिता की उम्र 19 साल बताई थी. 


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