गलगोटिया नहीं है अशोका यूनिवर्सिटी; इसराइल के खिलाफ स्टूडेंट्स ने उठाया ये साहसिक कदम
Ashoka University students boycott Israeli: अशोक विश्वविद्यालय के छात्रों ने वीसी से इजराइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के साथ सारे संबंध तोड़ने की अपील की है.. छात्रों का कहना है की तेल अवीव विश्वविद्यालय इस्राइली सेना के नरसंहार का सपोर्ट करता है, जो मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है, और यह अशोक विश्वविद्यालय के मानकों के खिलाफ है..
Ashoka University students boycott Israeli:गज़ा में हमास और इसराइल के बीच चल रहे जंग की आंच अमिरीकी यूनिवर्सिटी के बाद अब भारत तक पहुँच गयी है. भारत में अब प्राइवेट यूनिवर्सिटी अशोक विश्वविद्यालय (Ashoka University ) के छात्र भी गाजा में चल रहे युद्ध के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं. स्टूडेंट्स ने अपने वाईस चांसलर से यूनिवर्सिटी में इज़राइल स्थित तेल अवीव यूनिवर्सिटी (Tel Aviv University) के सहयोग से चल रहे सभी शैक्षणिक और अनुसंधान को बंद करने की अपील की है. वहीँ, अशोका यूनिवर्सिटी (Ashoka University ) के स्टूडेंट्स ने इस मिथक को ख़ारिज कर दिया है, जो हाल में गलगोटिया यूनिवर्सिटी (Galgotiyas University) के छात्रों ने पैदा की थी, कि निजी यूनिवर्सिटी में पढने वाले छात्रों की राजनीति और सामाजिक समझ शून्य होती है.. वो असल मुद्दों और प्रोपगैंडा में फर्क नहीं कर पाते हैं..
अशोक विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने कुलपति को लिखे पत्र में कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन में शामिल इस्राइली संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय का सहयोग न्याय और मानवाधिकारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को कमजोर करता है. छात्र संगठन ने कहा, "हम फ़िलिस्तीन में चल रहे नरसंहार को लेकर बहुत चिंतित हैं, जिसमें गाजा पर इज़रायली बमबारी की वजह से कम से कम 34,596 फ़िलिस्तीनियों की जान चली गई है और 77,816 घायल हो गए हैं. इज़रायली सेना की क्रूरता लगातार जारी है."
स्टूडेंट्स ने दावा किया है कि हरियाणा के सोनीपत में स्थित अशोक विश्वविद्यालय ने तेल अवीव यूनिवर्सिटी के साथ अनुसंधान साझेदारी, शिक्षण के लिए फैकल्टी के दौरे, छात्र गतिशीलता (आउटबाउंड और इनबाउंड), अनुसंधान सहयोग, अल्पकालिक अध्ययन के मौकों केसाथ-साथ संयुक्त कार्यक्रम भी चलाए हैं. छात्रों ने आगे कहा, "इसमें एल्बिट सिस्टम्स जैसे इजरायली हथियार निर्माताओं के साथ तेल अवीव के संबंध शामिल हैं. तेल अवीव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आईओएफ के आचार संहिता का मसौदा तैयार करने, युद्ध अपराधों के लिए आईओएफ सदस्यों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने और सैन्य अभियानों को निर्देशित करने वाले सिद्धांतों का मसौदा तैयार करने में शामिल रहे हैं." छात्रों ने कहा, "तेल अवीव विश्वविद्यालय के कार्यों के संबंध में पेश साक्ष्यों के आलोक में, हम अपनी संस्था से तेल अवीव विश्वविद्यालय के साथ सभी संबंधों को तब तक तोड़ने का आग्रह करते हैं, जब तक कि मुद्दों के समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते."
स्टूडेंट्स ने कहा की तेल अवीव विश्वविद्यालय के इजरायली सेना के साथ घनिष्ठ संबंध और फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर कब्जे के लिए इसका समर्थन गंभीर नैतिक प्रश्न खड़े करता है. मानवाधिकार उल्लंघन में शामिल संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय का सहयोग न्याय और मानवाधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को कमजोर करता है."
इसमें आगे कहा गया है कि सभी फिलिस्तीनी यूनिवर्सिटीज को इजरायली बलों ने ध्वस्त कर दिया है. तेल अवीव यूनिवर्सिटी "फिलिस्तीनी लोगों के बीच बातचीत को दबाने और फिलिस्तीनी विद्वानों के काम को रोक रहा है. याचिका में कहा गया है कि तेल अवीव यूनिवर्सिटी की शैक्षणिक स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय और मानवाधिकार के सिद्धांतों को बनाए रखने की जिम्मेदारी है. व्यवस्थित मानवाधिकारों के हनन से जुड़े एक विश्वविद्यालय के साथ संबंध बनाए रखकर, अशोक विश्वविद्यालय इन उल्लंघनों में शामिल है.'अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा युद्ध पर चिंता जताने के साथ, अशोक विश्वविद्यालय को नैतिक आचरण और मानवाधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करनी चाहिए.
गौरतलब है कि अमेरिका की कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने इसराइल के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था, जिसे अमेरिका ने तो दबा दिया लेकिन ये आन्दोलन अब दुनिया के दूसरे देशों की यूनिवर्सिटीज में पहुँच रही है. अशोका यूनिवर्सिटी इसका जीवंत उदाहरण हैं.