Assam Anti Child Marriage Campaign: असम में बाल विवाह के ख़िलाफ़ चलाई जा रही सरकारी मुहिम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है, लेकिन असम के सीएम ने इस मुहिम को पॉज़िटिव बताया है. राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि असम सरकार का बाल विवाह के ख़िलाफ़ लिए जाना वाला एक्शन का राज्य में सकारात्मक असर पड़ रहा है. सीएम ने कहा कि कई परिवारों ने कम उम्र के बच्चों की निर्धारित शादियों को इस मुहिम के परिणामस्वरूप कैंसिल कर दिया.  


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कार्रवाई का पॉज़िटिव पहलू आया सामने: सीएम
सीएम ने ट्वीट करते हुए कहा कि "असम के अलग-अलग हिस्सों से रिपोर्ट्स मिल रही हैं कि कई कुनबों ने इस तरह के बाल विवाह के ख़िलाफ़ हमारी मुहिम के शुरू होने के बाद कम उम्र के बच्चों के बीच पूर्व-निर्धारित विवाहों को कैंसिल कर दिया है". उन्होंने कहा, "यह यक़ीनी तौर पर बाल विवाह के ख़िलाफ़ हमारी दो सप्ताह तक चली कार्रवाई का पॉज़िटिव पहलू है". बता दें कि अपोज़िशन ने मुहिम चलाने के तौर तरीक़ों को लेकर असम सरकार पर निशाना साधा है और कई मुस्लिम तंज़ीमों ने भी इसकी आलोचना की है. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा था कि इससे लोगों के निजी जीवन में तबाही मच गई है और ऐसे मामलों में मुल्ज़िमीन से हिरासत में पूछताछ की कोई ज़रूरत नहीं है.बता दें कि तीन फरवरी को शुरू हुई कार्रवाई में 14 फरवरी तक 4,225 मामले दर्ज कर 3,031 लोगों को पकड़ा गया था. 



यह अभियान 2026 तक जारी रहेगा
गौरतलब है कि असम में शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली असम सरकार ने राज्य में बाल विवाह के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का फैसला किया है. 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है, जबकि 14 से 18 साल की लड़कियों से शादी करने वालों पर बाल विवाह निषेध कानून, 2006 के तहत मुक़दमा चलाया जा रहा है. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि यह अभियान 2026 के विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा. हालांकि, इस कार्रवाई की विपक्ष ने आलोचना की है. और राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर प्रभावित परिवारों के तरफ से विरोध प्रदर्शन हो रहा है.


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