Assam CM on Love Jihad: लव जिहाद को लेकर हमेशा मुखर रहे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा "इसे रोका जाना चाहिए. क्योंकि यह समाज में तनाव पैदा करता है."


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मुख्यमंत्री सरमा राज्य के पुलिस अधीक्षकों के दो दिवसीय सम्मेलन के बाद बोंगाईगांव में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने ने कहा, "वह राज्य में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शांतिपूर्ण रिस्ता चाहते हैं. लेकिन जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दे तनाव पैदा करते हैं."


उन्होंने कहा, 'लव जिहाद' के ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि लड़कियों को जबरन ले जाया जाता है और फिर उनके कुछ वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाता है. हमें यह देखना होगा कि क्या लड़कियों को जबरन दूसरे धर्म में परिवर्तित किया जा रहा है और दबाव में शादी की जा रही है. हमें ऐसी शादियों को जांच के दायरे में लाना होगा.''


आगे उन्होंने कहा, ''एक काजी (मुस्लिम मौलवी) हिंदू-मुस्लिम विवाह का शादी नहीं करा सकता है. इसी तरह एक हिंदू पुजारी भी कानूनी तौर पर ऐसा नहीं कर सकता. अलग-अलग धर्मों के लड़के और लड़कियां शादी करना चाहते हैं तो उन्हें विशेष शादी अधिनियम के तहत बिना धर्म परिवर्तन किए ऐसा करना चाहिए.''


साथ ही उन्होंने माता-पिता से अपील की कि वे अपने बच्चों का मार्गदर्शन करें ताकि 'लव जिहाद' जैसी स्थिति उत्पन्न न हो. क्योंकि हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच सांस्कृतिक मतभेद हैं और दोनों में से किसी एक की लड़कियों को लोगों के साथ तालमेल बिठाने में कठिनाई होती है.


मुख्यमंत्री ने पुलिस से 'लव-जिहाद' के मामलों की जांच के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया विकसित करने को कहा है. जो राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन का मूल कारण है. सरमा दावा कर रहे हैं कि गोलाघाट में तिहरा हत्याकांड जहां 25 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति ने सोमवार को अपनी हिंदू पत्नी और उसके माता-पिता की हत्या कर दी. वह 'लव जिहाद' का मामला था.


उन्होंने दोहराया कि बाल विवाह पर कार्रवाई का दूसरा दौर सितंबर में शुरू किया जाएगा और सम्मेलन में इस मामले पर विस्तार से चर्चा की गई. सरमा ने कहा, "बाल विवाह की घटनाओं में कमी आई है. लेकिन ''हमारा लक्ष्य इसे शून्य बनाना है.''


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