AIUDF, Badruddin Ajmal: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा अकसर अपने फैसलों के लेकर सुर्खियों में रहते हैं, उनपर हमेश से इल्जाम लगते आए हैं कि उनके जरिए बनाए गए नियम कानून एक धर्म विशेष को ज्यादा टारगेट करते हैं. अब उन्होंने एक बयान दिया है, जिसके बाद वह फिर से खबरों का हिस्सा बन गए हैं. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को 'जादुई उपचार' की प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है.


कर लिया जाएगा गिरफ्तार


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हेमंत बिस्वा सरमान ने कहा कि अगर वह कानून का उल्लंघन करते पाए गए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.असम विधानसभा ने पिछले महीने असम उपचार (बुराइयों की रोकथाम) प्रथा विधेयक, 2024 पारित किया गया था, जिससे राज्य में गैर-वैज्ञानिक उपचार पद्धतियों पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार का कहना था कि इस कानून का मकसद "लोगों की अज्ञानता और खराब स्वास्थ्य पर पनपने वाली बुरी और भयावह प्रथाओं" के खिलाफ विज्ञान-आधारित ज्ञान पर समाज में जागरूकता लाना है. 


AIUDF विधायक को हेमंत ने क्यों किया टारगेट?


एआईयूडीएफ विधायक इस बात को कहते हैं कि बदरुद्दीन अजमल एक नेता होने के साथ साथ एक स्प्रिचुअल नेता भी हैं, जिनके पास लोग खुद इलाज कराने के लिए आते हैं. मुसलमान अक्सर अजमल से अपनी पानी की बोतलों में फूंक मारने के लिए कहते हैं, जिससे उनका मानना है कि पानी में उपचार गुण होते हैं.


सीएम सरमा ने क्या कहा?


सरमा ने कहा कि अगर बदरुद्दीन अजमल ऐसे उपचार करेंगे, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा, मैं जो कहूंगा, वही होगा. मैं अपने बारे में नहीं बोल रहा हूं, मैं विधानसभा के बारे में बोल रहा हूं. आप हिमंत बिस्वा सरमा के शब्दों को नहीं सुनते हैं, लेकिन आपको विधानसभा जो कह रही है उसे सुनना होगा. विधानसभा ने उपचार पद्धतियों को बंद कर दिया है.


क्या कहता है असम का कानून


प्रावधानों के तहत किए गए अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे और पहले अपराध के मामले में व्यक्ति को एक साल की जेल हो सकती है जिसे ₹50000 के जुर्माने या दोनों के साथ तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है; और, बाद में दोषी पाए जाने पर, कारावास से, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, या ₹1 लाख का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है.