मुस्लिम MLA ने किया असम सरकार के बहुविवाह प्रथा पर रोक का समर्थन
Assam Congress Muslim MLA welcomes ban polygamy: असम कांग्रेस के विधायक अब्दुर रशीद मंडल ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के मुख्यमंत्री हिमंत के प्रयास का स्वागत किया है और कहा है कि इसे किसी धर्म विशेष पर लागू न करके पूरे राज्य में समान रूप से लागू किया जाए.
गुवाहाटीः असम सरकार द्वारा राज्य में बहुविवाह प्रथा पर रोक लगाने के प्रस्ताव पर जहां एक तरफ मुस्लिम समुदाय के लोग सरकार से नाराज दिख रहे हैं, वहीं राज्य में कांग्रेस के एक मुस्लिम विधायक ने राज्य सरकार के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है. कांग्रेस पार्टी के विधान सभा सदस्य अब्दुर रशीद मंडल ने राज्य में बहुविवाह को खत्म करने के असम सरकार के इरादे का खुलकर समर्थन किया है.
गोलपारा जिले में गोलपारा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक अब्दुर रशीद मंडल ने कहा, "बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. असम सरकार ने एक अच्छा निर्णय लिया है और मैं इसका स्वागत करता हूं." हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि इसे किसी विशेष समुदाय तक लक्षित नहीं किया जाना चाहिए. अब्दुर रशीद मंडल ने कहा, “यह एक अच्छा फैसला है और हम भी बहुविवाह प्रथा को खत्म करना चाहते हैं."
सरकार ने बहुविवाह खत्म करने के लिए गठित की है कमिटी
गौरतलब है कि असम सरकार ने गुरुवार को बहुविवाह को खत्म करने के लिए एक कानून बनाने के लिए चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. समिति में अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रूमी फूकन, सदस्य के रूप में असम के महाधिवक्ता देबजीत सैकिया, सदस्य के रूप में असम के अतिरिक्त महाधिवक्ता नलिन कोहली और अधिवक्ता नेकिबुर ज़मान को इसमें शामिल किया है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रावधानों की जांच करेगी सरकार
गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि उनकी सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) नहीं लाएगी, लेकिन एक राज्य कानून के तहत बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाना चाहती है. उन्होंने आगे कहा कि गठित समिति कानूनी विशेषज्ञों सहित सभी हितधारकों के साथ व्यापक रूप से चर्चा करेगी और मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) कानून, 1937 के प्रावधानों की जांच करेगी.
वकील ने बताया आर्टिकल 25 का उल्लंघन
असम के मुस्लिम लीडर और गुवाहाटी हाई कोर्ट के एडवोकेट जुनैद खालिद ने बहु विवाह बंद करने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, "एक से ज्यादा शादी करना इस्लाम में फर्ज नहीं है. एक ही शादी करनी चाहिए, अगर मजबूरन करना हो तो वह दूसरी बात है, लेकिन जिस तरह से असम सरकार कानून लाना चाहती है इसको देखते हुए यही लगता है कि लोगों के फंडामेंटल राइट्स में हस्तक्षेप किया जा रहा है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रहते अगर ऐसा फैसला लिया जाए तो यह आर्टिकल 25 का भी उल्लंघन होगा.’’
मुस्लिम महिला नेता ने सरकार के फैसले का किया स्वागत
असम की महिला नेता और इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स प्रोटक्शन काउंसिल की सद्र एवं एडवोकेट साहिबा अहमद ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि असम सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा को मैं शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि उन्होंने चाइल्ड मैरिज हो या ट्रिपल तलाक हो ऐसे मामले पर जो कार्रवाई की बहुत अच्छी है. इसके साथ ही बहु विवाह बंद करने का जो फैसला लिया यह भी बहुत अच्छा फैसला है. हम इसका स्वागत करते हैं.
Input: गुवाहाटी से शरीफ उद्दीन अहमद
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