बद से बदतर हो रहे असम में बाढ़ के हालात, कई जिले हुए जलमग्न; अबतक 118 की मौत
बक्सा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, डिब्रूगढ़, दरांग, गोलाघाट, हैलाकांडी और कामरूप सहित कई जगहों से बड़े पैमाने पर भूस्खलन की खबर मिली है. नदियों का जल स्तर कुछ हद तक कम हुआ है. हालांकि, धुबरी में ब्रह्मपुत्र और नगांव में कोपिली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
गुवाहाटीः असम में शनिवार को भी बाढ़ के हालात बद से बदतर बने रहे. इसमें जान गंवाने वाले लोगों की तादाद बढ़कर 118 हो गई है. कछार जिले का सिलचर शहर छठे दिन भी जलमग्न रहा. अफसरों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से दस लोगों की मौत हुई है, जिनमें बारपेटा, धुबरी, करीमगंज और उदलगुरी जिलों के दो-दो शख्स और कछार और मोरीगांव के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं. बुलेटिन में कहा गया है कि बक्सा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, डिब्रूगढ़, दरांग, गोलाघाट, हैलाकांडी और कामरूप सहित कई जगहों से बड़े पैमाने पर भूस्खलन की खबर मिली है.
28 जिले बाढ़ से प्रभावित
असम राज्य प्रबंधन आपदा प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा जारी बुलेटिन के मुताबिक, 28 जिलों में बाढ़ मुतासिर लोगों की तादाद अब घटकर 33.03 लाख रह गई है, जबकि शुक्रवार तक 30 जिलों में यह आंकड़ा 45.34 लाख था. अफसरो ने कहा कि कुछ जिलों में स्थिति में मामूली सुधार हुआ है. नदियों का जल स्तर कुछ हद तक कम हुआ है. हालांकि, धुबरी में ब्रह्मपुत्र और नगांव में कोपिली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
वायुसेना की मदद से चलाई जा रही है बचाव मुहिम
उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि कछार जिला प्रशासन बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने को प्राथमिकता देने के साथ सिलचर में बचाव मुहिम चला रहा है. वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से भोजन के पैकेट, पीने के पानी की बोतलें और अन्य जरूरी चीजें शहर में बांटी जा रही हैं और यह कार्य तब तक जारी रहेगा जब तक कि हालात में सुधार नहीं हो जाता. बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री मुहैया कराने के साथ-साथ बाढ़ की हालात पर नजर रखने के लिए सिलचर में दो ड्रोन भी तैनात किए गए हैं.
राहत शिवरों में शरण ले रही है बड़ी आबादी
एएसडीएमए बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित जिला बारपेटा है, जहां 8,76,842 लोग प्रभवित हुए हैं. इसके बाद नगांव (5,08,475), कामरूप (4,01,512) और धुबरी में 3,99,945 लोग मुतासिर हुए हैं. इसमें कहा गया है कि सैलाब से 93 राजस्व मंडल और 3,510 गांव मुतासिर हुए हैं, जबकि 2,65,788 लोगों ने 717 राहत शिविरों में शरण ली है. शिविरों में शरण नहीं लेने वाले बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच 409 राहत केंद्रों से राहत सामग्री बांटी गई है. एएसडीएमए ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 312 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं.
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