Assam News: असम के धुबरी जिले के बिलासिपारा में सरकार के बुलडोजर चलने के बाद लोग कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. लोगों को कोई भी सरकारी या गैर सरकारी मदद अभी तक नहीं पहुंची है. साथ ही स्थानीय सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने भी अभी तक कोई हेल्प नहीं पहुंचाई हैं. लेकिन अनीशा बेगम नाम की एक महिला इन बेसहारा लोगों का सहारा बनी. उन्होंने खुले आसामन के नीचे रह रहे लोगों को अनाज और जरूरी सामान दिए.


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अब सवाल यह है कि आने वाले दिनों में इन लोगों का क्या होगा? इस तरह से खुले आसमान में किस तरह से रहेंगे, जो बहुत ही चिंता विषय है. क्योंकि इन इलाकों में जनवरी ही नहीं बल्कि फरवरी महीने में कड़ाके की ठंड पड़ती है. बेसहारा लोगों में छोटे-छोटे बच्चे मासूम और बुजुर्ग हैं, जो इस सर्दी में खुले आसमान रह रहे हैं.


वहीं, असम के मुस्लिम संगठन खुदाई खिदमतगार के प्रदेश अध्यक्ष व गुवाहाटी हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट इलियास अहमद ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, "यह असम के मुसलमान के ऊपर ज्यादती है. असम सरकार ने गलत फैसला ले लिया है. बुलडोजर चलाने से पहले उन लोगों को रहने के लिए दूसरी जगह में देनी चाहिए थी."


उन्होंने आगे कहा, गरीब बेसहारा लोगों को दूसरी जगह नहीं देकर उनका घर तोड़ दिया गया. खुले आसमान में रह रहे सर्दी की वजह से बहुत ही मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. इन गरीब मुसलमानों के पास खाने के लिए अनाज भी नहीं है.


 इस बीच,   एक स्थानीय महिला ने उन गरीब बेहाल लोगों के बीच कुछ खाने की सामग्री और माली मदद की. लेकिन वह कितने दिनों चलेगी. जबकि धुबरी के सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल उन बेसहारा लोगों के बीच नहीं पहुंच रहे हैं. किसी भी तरीके से उन्होंने इन लोगों की मदद नहीं की है. 


वहीं, एडवोकेट इलियास अहमद ने असम सरकार से मांग की है कि उन लोगों को जल्द से जल्द रहने खाने की सुविधा मुहैया कराई जाए.


रिपोर्ट:- शरीफुद्दीन अहमद, गुवाहाटी