Assam: असम के शिवसागर में भाईचारे की मिसाल; हिंदू-मुस्लिम मिलकर मनाते हैं दुर्गा पूजा
Assam Unique Durga Puja: असम के शिवसागर से हिन्दू और मुसलमान समुदाय की ओर से आपसी भाईचारे की तस्वीर सामने आई है, यहां दोनों मज़हब के लोग दुर्गा पूजा समारोह में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते नज़र आ रही हैं. पिछले 30 वर्षों से यह सिलसिला जारी है.
Assam: असम के शिवसागर क़स्बे के एक दुर्गा पूजा पंडाल से हिंदू और मुस्लिम समुदाय की ओर से आपसी भाईचारे की तस्वीर सामने आई है. दोनों समुदाय कई वर्षों से सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते आ रहे हैं. दरअसल यहां का पूजा पंडाल एक मस्जिद की दीवार से सटा हुआ है. पूजा का आयोजन एक लोकल क्लब करता है. यहां के दुगरेत्सव का यह 62वां साल है. यह पहले शहर में कहीं और मनाया जाता था, लेकिन तक़रीबन 30 साल पहले वहां जगह की कमी की वजह से आयोजकों को पूजा स्थल शहर के थाना रोड इलाके में स्थानांतरित करना पड़ा. यहां पंडाल पुरानी मक़ामी बेपरिपट्टी मस्जिद के बग़ल में है.
दोनों समुदायों के बीच आपसी सद्भाव: मस्जिद कमेटी
इस सिलसिले में मस्जिद कमेटी के सद्र फरीदुल इस्लाम ने जानकारी देते हुए बताया कि, "क्लब के सदस्यों ने पहले एक लोकल पार्क में जगह पाने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. जब उन्होंने इसे यहां स्थानांतरित करने का फैसला किया, उन्होंने आगे कहा, "उस समय, मेरे पिता मस्जिद समिति के अध्यक्ष हुआ करते थे. उन्होंने अन्य लोगों के साथ प्रशासन से संपर्क किया और कहा कि दोनों समुदायों के बीच सद्भाव क़ायम रहेगा, तभी से यहां मस्जिद के बग़ल में दुर्गा पूजा आयोजित की जाती है।"
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दोस्ताना माहौल में मनाया जाता है दुर्गा पूजा का पर्व
दुर्गा पूजा के दौरान दोनों ही समुदाय एक दूसरे के धर्म का आदर करते हैं. मुस्लिम समुदाय के सहयोग से दुर्गा पूजा में यहां दोस्ताना माहौल नज़र आता है. आपसी समझौते के तहत जब मस्जिद में नमाज़ अदा की जाती है, उस वक़्त पूजा पंडाल में लगे लाउडस्पीकर बंद कर दिए जाते हैं. पूजा के आयोजकों में से एक संजय पारेख ने कहा, "हमें मुस्लिम समुदाय से ज़बरदस्त समर्थन मिलती है. वे मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करने और विसर्जन में सक्रिय तौर पर हिस्सा लेते हैं और सहयोग करते हैं."
यही है हिन्दुस्तान की असली तस्वीर
हमारे प्यारे वतन में कई धर्मों के मानने वाले आपस में मिलजुल कर रहते हैं. होली, दीपावली, दशहरा, ईद, दुर्गा पूजा सब त्योहार मिलकर मनाते हैं. मुल्क के कई हिस्सों की आई ऐसी मिसाले भाईचारे की भावना को मज़ीद मज़बूत करती हैं. एक दूसरे के धर्म का आदर, सारे त्योहार मिलकर मनाना हमारे मुल्क की पुरानी रिवायत रही है.
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