Atique Ahmed Case: समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद की हत्या से लोग सकते में हैं. अतीक अहमद के मारे जाने के बाद कई लोगों ने उनकी हत्या पर सवाल उठाए हैं. कुछ लोग तो अतीक अहमद की मौत को सही ठहरा रहे हैं, तो वहीं एक ऐसा भी तबका है जिसका मानना है कि अतीक अहमद को कानून के मुताबिक सजा नहीं मिली. ऐसे में अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है. इसके अलावा याचिका में साल 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमिटी से कराने की मांग की गई है. वकील विशाल तिवारी ने ये याचिका दाखिल की है.


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शनिवार को हुई अतीक की हत्या


शनिवार की रात को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस हिरासत में तीन बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई है. तीनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अतीक और अशरफ के शवों को स्थानीय कब्रिस्तान में दफना दिया गया है. इस हत्याकांड की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अगुवाई में एक आयोग गठित किया गया है.


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मशहूर होना चाहते थे हमलावर


अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद पुलिस ने कहा है कि हमलावरों ने कबूला है कि वह अतीक अहमद को मारकर मशहूर होना चाहते थे. तीनों हमलावरों को गिरफ्तार करके 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. 


एक बार सांसद चार बार विधायक


ख्याल रहे कि अतीक अहमद साल 2004 में इलाहाबाद की फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद रहे इससे पहले चार बार विधायक रहे. हत्या के बाद अतीक और अशरफ का शव उनके घर वालों को दे दिया गया. इसके बाद उन्हें कसारी मसारी कब्रिस्तान में दफना दिया गया. अतीक के जनाजे में कम ही लोग थे. जनाजे में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके दो नाबालिग बेटे एहजान और अबान मौजूद नहीं थे. 


इससे पहले 13 अप्रैल को अतीक अहमद के बेटे असद को एनकाउंटर में मार दिया गया था. उसे भी कसारी मसारी कब्रिस्तान में ही तफनाया गया है. 


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